अमृतसर| भारत से शुक्रवार को पाकिस्तान जाने वाले कम से कम 130 सिख तीर्थयात्री अटारी रेलवे स्टेशन पर फंस गए हैं। उन्हें भारत सरकार से अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करने की अनुमति नहीं मिली है। तीर्थयात्रियों में ज्यादातर बुजुर्ग और पंजाब के विभिन्न हिस्सों के लोग हैं जो पांचवें सिख गुरु, गुरु अर्जन देव की शहादत की बरसी पर होने वाले आयोजन के लिए पाकिस्तान जाना चाहते हैं।
वे सुबह ही अटारी स्टेशन पर पहुंच गए, लेकिन पाकिस्तान की विशेष ट्रेन को भारत में प्रवेश करने की मंजूरी नहीं मिली। भारतीय रेलवे अधिकारियों ने कहा कि इस बाबत सरकार से उन्हें कोई अनुमति नहीं मिली है, इसलिए पाकिस्तानी ट्रेन को अनुमति नहीं दी गई।
फंसे हुए एक यात्री ने कहा, विदेश मंत्रालय और भारतीय रेलवे के बीच संवाद की कमी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई। इन श्रद्धालुओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने यह भी शिकायत की कि उन्हें यहां पीने के पानी और शौचालय की सुविधा का भी अभाव देखना पड़ा। स्टेशन मास्टर एम. एल. राय ने पत्रकारों से कहा, "जैसे ही हमें आदेश मिल जाएंगे, हम ट्रेन को अटारी में प्रवेश करने देंगे।"
एसजीपीसी प्रत्येक वर्ष, एक साल में चार जत्थे पाकिस्तान भेजती है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जन्मस्थली ननकाना साहिब में उनकी जयंती मनाने के लिए सबसे बड़ा जत्था नवंबर में भारत से पाकिस्तान रवाना किया जाता है। एक और जत्था अप्रैल में बैसाखी के त्योहार पर वहां जाता है। गुरु अर्जन देव की शहादत की बरसी और सिख साम्राज्य के संस्थापक महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि पर मई-जून में शेष दो जत्थे वहां जाते हैं।