नई दिल्ली: मैसूर में जनसभा के दौरान महिला से बदसलूकी करने के मामले में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और महिला दोनों ने सफाई दी है। पीड़ित महिला ने कहा कि “मुझे कोई परेशानी नहीं है, वो अच्छे मुख्यमंत्री थे। मैंने उन्हें कुछ शिकायतों के बारे में बताते हुए बेअदबी से बात की।” इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि “मुझे पूर्व सीएम से ऐसे बात नहीं करनी चाहिए थी। उन्हें गुस्सा तब आया जब मैंने मेज को पटका।”
वहीं, दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “जब मैं पार्टी कार्यकर्ता की लंबी स्पीच को रोकने की कोशिश कर रहा था जब वो घटना हुई। वो एक हादसा था, उसके पीछ कोई गंदी नीयत नहीं थी। मैं उन्हें पिछले 15 सालों से जानता हूं, वो मेरी बहन जैसी हैं।” बता दें कि एक वीडियो में सिद्धारमैया पीड़ित महिला का दुपट्टा खींचते हुए नजर आए थे, जिसके बाद से पूरा विवाद खड़ा हो गया था।
सिद्धारमैया का वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस की ओर से उनके बचाव में बयान भी आ गया है। कांग्रेस का कहना है कि सिद्धारमैया ने महिला का दुपट्टा जानबूझकर नहीं खींचा था बल्कि माइक लेते वक्त महिला का दुपट्टा भी साथ में खिंचा आया था। कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू राव ने कहा कि "कभी-कभी जब लोग गंदे तरीके से सवाल पूछते हैं और आपके सवाल सुनने के बाद भी वो नहीं रुकते तो आप उनसे माइक लेना चाहते हैं और माइक लेते वक्त ही महिला का दुपट्टा साथ में खिंचा आया था। ये घटना जानबूझकर नहीं की गई।"
वहीं, मामला सामने आने के बाद BJP ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है। लेकिन, अब पीड़ित महिला का बयान सामने आने के बाद तो जैसे पूरा विवाद ही शांत पड़ गया हो। लेकिन, महिला का बयान सामने आने से पहले BJP ने कहा कि ये घटना दिखाती है कि कांग्रेस महिलाओं का सम्मान नहीं करती।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से जवाब मांगा था। उन्होंने कहा कि "राहुल गांधी को बताना चाहिए कि वो अब सिद्धारमैया के साथ क्या करेंगे?" उन्होंने ये भी कहा कि "ऐसा करना अपराध है और ये दिखाता है कि कांग्रेस महिलाओं को कैसे देखती हैं। कांग्रेस में सिर्फ परिवार की महिलाओं की ही इज्जत होती है।"