लेह: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद मोदी सरकार ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध स्थल सियाचिन पर सैनिकों और उपकरणों की आवाजाही में तीव्रता लाने के मकसद से वहां जाने वाली सभी सड़कों के आधुनिकीकरण और नयी सड़कें बनाने की व्यापक योजना लद्दाख सेक्टर में शुरू की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि ‘विजयक’ परियोजना के तहत सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) पनामिक से सियाचिन आधार शिविर तक और सियाचिन ग्लेशियर की ओर जाने वाली अन्य अंदरूनी सड़कों का निर्माण एवं आधुनिकीकरण कर रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि परियोजना में नयी तकनीक और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि सड़कें प्रतिकूल जलवायु की स्थिति का सामना कर सकें।
इस क्षेत्र में पूरे साल मौसम प्रतिकूल बना रहता है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे मौसमी हालात में संचालन तथा निर्माण गतिविधि को जारी रखना आसान नहीं होता है जहां तापमान गर्मी में भी शून्य से 10-15 डिग्री नीचे होता है।’’ अधिकारियों के अनुसार सामरिक क्षेत्र में विषम परिस्थिति एवं प्रतिकूल मौसम के बावजूद सड़कों की मरम्मत और आधुनिकीकरण जारी है।
उन्होंने बताया कि ये सड़कें वाहनों के अनुकूल हैं, जिस पर सैनिक, सामग्री, भारी मशीन सामरिक सियाचिन की ओर जा सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि बीआरओ सियाचिन बेस पर झूला पुल की जगह एक नये पुल के निर्माण की योजना बना रहा है ताकि सुदूर क्षेत्रों में भारी सामान पहुंचाने में आने वाली किसी भी रूकावट को दूर किया जा सके।