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Covid-19: क्या गर्भवती महिलाओं को लगवानी चाहिए कोविड वैक्सीन? जारी किए दिशा-निर्देश

तथ्य-पत्र में कहा गया है कि मोटापे और उच्च रक्तचाप जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहीं और 35 वर्ष से अधिक उम्र की गर्भवती महिलाओं के गंभीर रूप से संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है। 

Written by: Bhasha
Published : June 29, 2021 14:09 IST
Should pregnant women take covid vaccine dose here's the guidelines Covid-19: क्या गर्भवती महिलाओं क
Image Source : AP Covid-19: क्या गर्भवती महिलाओं को लगवानी चाहिए कोविड वैक्सीन? जारी किए दिशा-निर्देश

नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 टीके के महत्व और उससे जुड़ी सावधानियों के बारे में परामर्श देने के लिए अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और टीकाकरण करने वालों का मार्गदर्शन करने के उद्देश्य से एक तथ्य-पत्र तैयार किया है ताकि महिलाएं पूरी जानकारी हासिल होने के बाद टीकाकरण करा सकें। दस्तावेज में बताया गया है कि 90 प्रतिशत से अधिक संक्रमित गर्भवती महिलाएं घर पर ही ठीक हो जाती हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं पड़ती, लेकिन कुछ महिलाओं के स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आ सकती है और इससे भ्रूण भी प्रभावित हो सकता है।

इसमें कहा गया, ‘‘इसलिए यह सलाह दी जाती है कि एक गर्भवती महिला को कोविड-19 टीका लगवाना चाहिए।’’

दस्तावेज में कहा गया है कि गर्भावस्था के कारण कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा नहीं बढ़ता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जिन गर्भवती महिलाओं में संक्रमण के लक्षण होते हैं, उनके गंभीर रूप बीमार होने और उनकी मौत होने का खतरा अधिक होता है। गंभीर रूप से बीमार होने पर अन्य सभी रोगियों की तरह गर्भवती महिलाओं को भी अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होगी।

तथ्य-पत्र में कहा गया है कि मोटापे और उच्च रक्तचाप जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहीं और 35 वर्ष से अधिक उम्र की गर्भवती महिलाओं के गंभीर रूप से संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है। दस्तावेज में कहा गया है कि अग्रिम मोर्चे के कर्मियों या टीकाकरण करने वाले कर्मियों को गर्भवती महिलाओं को टीकों की उपलब्धता, उसकी महत्ता और सावधानियों के बारे में सलाह देने की आवश्यकता है।

इसमें कहा गया है, ‘‘यह पत्र आपको गर्भवती महिलाओं को जागरुक करने और उनकी मदद करने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करता है ताकि ये महिलाएं पूरी जानकारी हासिल करके टीकाकरण के संबंध में फैसला कर सकें।’’

इस तथ्य-पत्र को प्रश्न-उत्तर के रूप में तैयार किया गया है ताकि अग्रिम मोर्चे के कर्मियों के लिए गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों को गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों के बारे में बताना आसान हो सके। इसमें कहा गया है कि संक्रमित पाई गई 95 प्रतिशत मांओं के नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य जन्म के समय बिल्कुल सही था।

कुछ मामलों में, गर्भावस्था में संक्रमण के कारण समय से पहले प्रसव की आशंका बढ़ सकती है, शिशु का वजन 2.5 किलोग्राम से कम हो सकता है और दुर्लभ स्थितियों में, जन्म से पहले बच्चे की मौत हो सकती है। तथ्य-पत्र में कहा गया है कि उपलब्ध कोविड-19 टीके सुरक्षित हैं और टीकाकरण गर्भवती महिलाओं को अन्य व्यक्तियों की तरह संक्रमण से बचाता है। किसी भी अन्य दवा की तरह, इस टीके के भी दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो सामान्य रूप से मामूली होते हैं।

इसमें कहा गया है कि टीका लगवाने के बाद गर्भवती महिला को हल्का बुखार, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द या एक से तीन दिनों तक अस्वस्थता महसूस हो सकती है। ‘‘बहुत कम (एक से पांच लाख व्यक्तियों में से किसी एक गर्भवती महिला को) गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के 20 दिनों के भीतर कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं, जिन पर ध्यान देने की तत्काल आवश्यकता हो सकती है।’’ 

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