नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर शिवसेना के सुर बदले हुए नजर आ रहे हैं। राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर वोटिंग में भाग नहीं लेने और विधेयक पर गृह मंत्री अमित शाह से जवाब मांगने के बावजूद शिवसेना का रुख अब कुछ बदला हुआ दिख रहा है। मंगलवार को नागरिकता कानून को लेकर विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलने के लिए जा रहा है लेकिन शिवसेना ने साफ कर दिया है कि वे इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं होंगे। शिवसेना नेता संजय राउत ने यह सफाई दी है।
संजय राउत से जब पूछा गया कि क्या वे भी नागरिकता कानून पर विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति से मिलने के लिए जा रहे हैं? इसपर संजय राउत ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है और उनकी पार्टी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं होगी। संजय राउत से जब यह पूछा गया कि क्या महाराष्ट्र में नागरिकता कानून लागू किया जाएगा? इसपर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में नागरिकता कानून लागू करने का फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे करेंगे।
गौरतलब है कि शिवसेना ने लोकसभा में तो नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में वोट किया था लेकिन जब राज्यसभा में वोटिंग की बारी आई तो पार्टी ने वोटिंग प्रक्रिया में भाग नहीं लिया था। राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान इस बिल को लेकर संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा था। हालांकि अब संजय राउत के बयान को देखते हुए लग रहा है कि नागरिकता कानून को लेकर शिवसेना के रुख में बदलाव हुआ है।