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जापान में भी हुआ था बुलेट ट्रेन का विरोध, भारत में भी हैं विरोध करनेवाले : पीयूष गोयल

उन्होंने कहा, ‘‘हमें देश में भी विरोध करने वालों का सामना करना पड़ रहा है। जब कभी आप नई तकनीक लाने की बात करते हैं या जब तय रूपरेखा से अलग हटते हैं तब काफी विरोध होता है।’’

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 04, 2018 16:53 IST
Shinkansen bullet train faced opposition even in Japan, naysayers in India too: Goel- India TV Hindi
Shinkansen bullet train faced opposition even in Japan, naysayers in India too: Goel

नई दिल्ली: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अधिक लागत के कारण मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर बढ़ते विरोध पर गुरुवार को कहा कि जापान में भी जब बुलेट ट्रेन की बात हुई थी तो अनेक लोगों ने इसका विरोध किया था। रेलवे और मेट्रो परियोजना 2018 में प्रौद्योगिकी प्रगति पर दूसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उन्होंने कहा कि रेलवे दुनियाभर में कहीं भी मौजूद बेहतर प्रौद्योगिकी की तलाश करेगा और इसे देश की अवसंरचना में लागू करेगा। 

गोयल ने कहा, ‘‘मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि जब 1950 के दशक में सबसे पहले जापान में शिनकानसेन बुलेट ट्रेन की अवधारणा सामने आयी थी तब अनेक जापानी नेताओं और शिक्षाविदों ने इसका जबर्दस्त विरोध किया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें देश में भी विरोध करने वालों का सामना करना पड़ रहा है। जब कभी आप नई तकनीक लाने की बात करते हैं या जब तय रूपरेखा से अलग हटते हैं तब काफी विरोध होता है।’’ मंत्री ने प्रौद्योगिकी प्रगति की यात्रा और इसका विरोध करने वालों की कहानी सुनाई। 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि जब घोड़ा गाड़ी की जगह भाप का इंजन आया होगा तब भी अनेक लोगों ने इसका विरोध किया होगा।’’ गोयल ने आगे कहा कि जब मंत्रालय ने मुंबई और अहमदाबाद के बीच तेज रफ्तार ट्रेन की अवधारणा पेश की तो यह विचार केवल रफ्तार के बारे में नहीं, बल्कि देश में नवीनतम प्रौद्योगिकी पेश करने के बारे में भी था। 

मंत्री ने कहा कि समय की मांग यह तय करने की है कि प्रौद्योगिकी नवाचार किस तरह रेलवे को सुरक्षित, अधिक प्रभावी बना सकता है और यह कम से कम लागत पर इसके क्षमता विस्तार में कैसे मदद कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिन्जो आबे ने पिछले साल सितंबर में बुलेट ट्रेन परियोजना का उद्घाटन किया था। इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का मुद्दा उलझा हुआ है। प्रस्तावित बुलेट ट्रेन 320 से 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। पूरे 508 किलोमीटर खंड पर 12 स्टेशन होंगे। उम्मीद है 2022 तक खंड का एक हिस्सा चालू हो जाएगा। 

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