शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कोटखाई के गुडिय़ा दुष्कर्म व मर्डर केस में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से सूरज की जेल में ही एक साथी राजू ने हत्या कर दी। हत्या कोटखाई पुलिस थाने में मंगलवार रात को की गई। इससे अब यह मामला और उलझता जा रहा है। सरकार ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं और कोटखाई थाना के सारे स्टाफ को निलंबित कर दिया है। सूरज की हत्या से गुस्साए हजारों की तादाद में लोगों ने कोटखाई थाने का घेराव कर दिया । गुस्साए लोगों ने थाने पर पथराव किया और आग लगा दी। पथराव में छह पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जबकि मदद के लिए CRPF की टुकड़ी को बुलाया गया है। गुडिय़ा मामले के सभी आरोपी कोटखाई पुलिस थाने में बंद हैं।
सूत्रों के मुताबिक मंगलवार आधी रात को मुख्य आरोपी राजू का दूसरे आरोपी सूरज के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। देखते ही देखते दोनों आपस में भिड़ गए, जिसमें राजू ने सूरज को जोर से जमीन पर पटक दिया। इससे सूरज की मौत हो गई। आरोपियों का 20 जुलाई को पुलिस रिमांड खत्म हो रहा था व उन्हें कोर्ट में पेश किया जाना था। कोटखाई थाना के लॉकअप में आरोपी सूरज नेपाली की हत्या के बाद पूरा कोटखाई थाना सस्पेंड कर दिया गया है। थाना के एसएचओ से लेकर सभी कर्मचारियों पर निलंबन की गाज गिरी है।
इस घटना से सवाल उठ रहे हैं कि सूरज को क्यों मारा? पुलिस ने उसे बचाने में देरी क्यूं हुई? क्या सूरज कुछ तथ्य बताना चाहता था, जो शायद राजू नहीं चाहता था? पुलिस लॉकअप में कैसे एक आरोपी की हत्या हो गई व वारदात के वक्त पुलिस कहां थी और क्या कर रही थी? इस बीच, सूरज नेपाली के शव को पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी लाया गया है। यहां पर इसका पोस्टमार्टम होगा। नेपाली की पुलिस लॉकअप में हुई हत्या ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा दिए हैं।