शिमला: गुड़िया रेप मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई ने सबूतों को नष्ट करने के आरोप में हिमाचल के दक्षिणी रेंज के IG जहूर एस जैदी, डीएसपी मनोज जोशी और 6 अन्य पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है। IG और DSP की गिरफ्तार इस हत्याकांड में सबूतों के साथ छेड़छाड़ के आरोप में हुई है जबकि 6 अन्य पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी मामले के एक आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत के केस में हुई है। जिन 6 अन्य पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी हुई है उनमें कोटाखई के एसएचओ राजेंद्र सैनी, एएसआई दीप चंद शर्मा, हेड कॉन्स्टेबल सूरत सिंह, मोहन लाल, रफीक अली और कॉन्स्टेबल रंजीत सिंह शामिल हैं।
4 जुलाई को गैंगरेप के बाद हुई थी हत्या
आपको बता दें कि 4 जुलाई को आरोपी राजेंद्र ऊर्फ राजू अपने दोस्त आशीष और सुभाष के साथ जा रहा था। उसने रास्ते में 10वीं में पढ़ने वाली गुड़िया को देखा और गाड़ी रोककर लिफ्ट देने की बात कही। गु़ड़िया इस इलाके में नई आई थी लेकिन वह राजू को जानती थी। राजू अक्सर स्कूली बच्चों को ले जाता था। गुड़िया को कोई शक नहीं हुआ और वह उसके साथ गाड़ी में बैठ गई। पुलिस के मुताबिक राजू और उसके दोस्त शराब के नशे में धुत थे। उन्होंने बीच जंगल में गाड़ी रोक दी और मासूम गुड़िया के साथ गैंगरेप किया। इन दोनों हैवानों ने अपने तीन और साथियों को भी वहां बुला लिया और फिर गुड़िया की बेरहमी से हत्या कर लाश को जंगल में फेंक दिया था।
हिरासत में हुई थी आरोपी की मौत
आपको बता दें कि इस केस में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से सूरज की जेल में ही एक साथी राजू ने हत्या कर दी थी।सूरज की हत्या से गुस्साए हजारों की तादाद में लोगों ने कोटखाई थाने का घेराव किया था। गुस्साए लोगों ने थाने पर पथराव किया और आग लगा दी थी। इस पथराव में छह पुलिसकर्मी घायल हुए थे जबकि मदद के लिए CRPF की टुकड़ी को बुलाया गया था। गुडिय़ा मामले के सभी आरोपी कोटखाई पुलिस थाने में बंद हैं।
पूरा कोटखाई थाना सस्पेंड हुआ था
बताया जाता है कि मुख्य आरोपी राजू का दूसरे आरोपी सूरज के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। देखते ही देखते दोनों आपस में भिड़ गए, जिसमें राजू ने सूरज को जोर से जमीन पर पटक दिया। इससे सूरज की मौत हो गई। आरोपियों का 20 जुलाई को पुलिस रिमांड खत्म हो रहा था व उन्हें कोर्ट में पेश किया जाना था। कोटखाई थाना के लॉकअप में आरोपी सूरज नेपाली की हत्या के बाद पूरा कोटखाई थाना सस्पेंड कर दिया गया था। थाना के एसएचओ से लेकर सभी कर्मचारियों पर निलंबन की गाज गिरी थी। सूरज नेपाली की पुलिस लॉकअप में हुई हत्या ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे थे।