Thursday, November 21, 2024
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यूं ही नहीं राहुल ने शीला दीक्षित को कहा ‘कांग्रेस की बेटी’, आखिरी सांस तक पार्टी को मजबूत करने के लिए करती रहीं मेहनत

कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी को फिर से खड़ा करने के मकसद से उन्हें कुछ महीने पहले ही दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 20, 2019 18:10 IST
rahul sheila- India TV Hindi
Image Source : PTI (FILE) राहुल गांधी ने शीला दीक्षित को बताया 'कांग्रेस की बेटी'

नई दिल्ली। तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित का निधन हो गया है। शीला दीक्षित 81 साल की थीं। उनके पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वह पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थीं और उन्हें शुक्रवार की सुबह सीने में जकड़न की शिकायत के बाद फोर्टिस-एस्कॉर्ट्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां आज दोपहर बाद तीन बजकर 55 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली । 

शीला दीक्षित के निधन के बाद पूरा देश उन्हें याद कर रह है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद,  पीएम नरेंद्र मोदी सहित देश के सभी बड़े नेताओं ने न सिर्फ उनकी मौत पर दुख जताया है बल्कि दिल्ली के विकास में योगदान को लेकर तारीफ भी की है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शीला दीक्षित की मौत पर दुख  जताया। उन्होंने ट्वीट कर शीला दीक्षित को ‘काग्रेंस की बेटी’ बताया।

राहुल गांधी ने  कहा, "मैं शीला दीक्षित जी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुखी हूं। वह कांग्रेस पार्टी की प्रिय बेटी थीं जिनके साथ मेरा नजदीकी रिश्ता रहा। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार और दिल्ली के निवासियों के प्रति मेरी संवेदनाएं है। उन्होंने दिल्ली के निवासियों की तीन बार मुख्यमंत्री रहते हुए निःस्वार्थ भाव से सेवा की।" 

दरअसल राहुल गांधी ने यूं ही शीला दीक्षित को कांग्रेस की बेटी नहीं कह दिया। जिस उम्र में तमाम नेता आराम ढूंढने लगते हैं। शीला दीक्षित ने उस उम्र में भी हार नहीं मानी और एक बार फिर से कांग्रेस को खड़ा करने के लिए मेहनत जारी रखी। इसी के मद्देनजर कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी को फिर से खड़ा करने के मकसद से उन्हें कुछ महीने पहले ही दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। 

2019 लोकसभा चुनाव में वो दिल्ली के भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी के सामने चुनाव लड़ीं, लेकिन उन्हें असफलता हाथ लगी। हालांकि इन चुनावों में कांग्रेस ने वापसी की, कांग्रेस तीसरे नंबर से उठकर दूसरे नंबर पर पहुंची। दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से 5 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे।

हाल ही में उनके और पीसी चाको के बीच में मतभेदों को लेकर भी खबरें उस वक्त सामने आईं, जब शीला दीक्षित ने दिल्ली के सभी ब्लॉक स्तर के नेताओं को बदल दिया। शीला के इस निर्णय को पीसी चाको ने तुरंत रद्द कर दिया था। आपको बता दें कि पीसी चाको दिल्ली में 2019 का लोकसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर लड़ने के इच्छुक थे, जबकि भविष्य में कांग्रेस की मजबूती के लिए अकेले ही चुनाव लड़ने की बात कह रहीं थी। 

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