Highlights
- कई इंटरनेट यूजर ने लिंग के आधार पर भेदभाव का आरोप लगाया
- राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने भी किया ट्वीट
- विवाद खड़ा होने पर शशि थरूर ने दी सफाई
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सोमवार को छह महिला सांसदों के साथ अपनी एक सेल्फी साझा की और कहा कि ‘कौन कहता है कि लोकसभा काम करने के लिए आकर्षक जगह नहीं है।’ इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया और कुछ लोगों ने उनपर लिंग के आधार पर भेदभाव की भावना रखने का आरोप लगाया।
यह सब होने के बाद में शशि थरूर ने ‘कुछ लोगों को ठेस पहुंचाने’ के लिए माफी मांगी और कहा कि महिला सांसदों के कहने पर ही यह सेल्फी ली गई और ट्विटर पर पोस्ट की गई तथा यह सब अच्छे मिजाज के साथ किया गया।
थरूर ने सुप्रिया सुले, परनीत कौर, थमीजाची थंगापंडियन, मिमी चक्रवर्ती, नुसरत जहां रूही और ज्योतिमणि के साथ सेल्फी साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘कौन कहता है कि लोकसभा काम करने के लिए आकर्षक स्थान नहीं है? आज सुबह अपनी छह साथी सांसदों के साथ।’’
कई इंटरनेट यूजर ने उन पर लिंग के आधार पर भेदभाव और आपत्तिजनक व्यवहार करने का आरोप लगाया। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘आप इन्हें आकर्षण की वस्तु के तौर पर पेश करके संसद और राजनीति में इन महिला सांसदों के योगदान को कमतर कर रहे हैं। संसद में महिलाओं को वस्तु की तरह पेश करना बंद करिए।’’
वकील करुणा नंदी और कुछ अन्य लोगों ने भी थरूर की आलोचना की। इसके बाद थरूर ने कहा, ‘‘यह सेल्फी महिला सांसदों की पहल थी, जो अच्छे मिजाज में ली गई थी और इन महिला सांसदों ने इसी भावना के साथ इस तस्वीर को ट्वीट करने के लिए कहा था।’’ तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और कुछ अन्य लोगों ने थरूर का बचाव भी किया।