जहानाबाद/पटना| भड़काऊ भाषण देने के आरोपी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम को मंगलवार को जहानाबाद जिले के काको थाना क्षेत्र से दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने बिहार पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार कर लिया। शरजील को अब दिल्ली ले जाया जा रहा है। जहानाबाद के पुलिस अधीक्षक मनीष ने IANS को बताया कि शरजील को पुलिस ने मंगलवार को काको थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसे जहानाबाद के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया, जहां से ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद उसे पटना ले जाया जा रहा है, वहां से उसे दिल्ली ले जाया जाएगा।
पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शरजील की गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता है। उन्होंने बताया कि 25 जनवरी को ही दिल्ली पुलिस बिहार आ गई थी और उसने बिहार पुलिस से सहयोग मांगा था। उन्होंने बताया कि 25 जनवरी 2020 को शाम करीब 7-8 बजे के बीच शरजील इमाम को अंतिम बार बिहार की राजधानी फुलवारीशरीफ में एक मीटिंग में आखिरी बार देखा गया था। उसके बाद से वह अपना मोबाइल फोन बंद कर वापस काको पहुंच गया।
इधर, सूत्रों का कहना है कि शरजील को मंगलवार दोपहर उस समय पकड़ा, जब वह एक कार से कहीं भागने की फिराक में था। उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच शरजील के पैतृक आवास काको में सोमवार की रात छापेमारी कर उसके भाई मुजम्मिल इमाम को हिरासत में लिया था और उसकी निशानदेही पर लगातार छापेमारी कर रही थी। शरजील की तलाश में कई और जिलों में दबिश डाली जा रही थी। पटना हवाईअड्डे समेत राज्य के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर निगरानी बढ़ा दी गई थी। बिहार और नेपाल सीमा पर भी पुलिस को चौकस रहने का निर्देश दिया गया था। शरजील के नेपाल भागने की भी आशंका व्यक्त की गई थी।
गौरतलब है कि शरजील के खिलाफ अरुणाचल, असम, उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह सहित कई धाराओं में केस दर्ज किए थे, तभी से शरजील फरार चल रहा था। शरजील की मां अफशां परवीन ने सोमवार को आरोप लगाया था कि उनके बेटे के बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने दावा किया कि उनका बेटा जैसा दिखाया जा रहा है, वैसा नहीं है। उन्होंने कहा था, "मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है। वह केवल एनआरसी का विरोध कर रहा था।"
परवीन ने कहा कि कई दिनों से उनकी अपने बेटे से बातचीत नहीं हो रही है, लेकिन वह कोई चोर-उचक्का नहीं है कि वह फरार है, वह जल्द ही सामने आएगा। शरजील के परिवार के सदस्यों का राजनीति से गहरा नाता रहा है। उसके पिता मोहम्मद अकबर इमाम का इंतकाल करीब चार साल पहले हो गया था। वे जद (यू) के टिकट पर 2005 का विधानसभा चुनाव भी जहानाबाद से लड़े थे। हालांकि, चुनाव हार गए थे। अकबर इमाम इससे पहले कांग्रेस पार्टी में थे।