नई दिल्ली. महाराष्ट्र की सियासत में मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के चिट्ठी के बाद सियासी बवाल मचा हुआ है। इस बवाल के बीच एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। शरद पवार ने कहा कि चिट्ठी में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। लेटर में 100 करोड़ की वसूली के आरोप लगाए गए हैं। परमबीर ने लेटर में ये नहीं लिखा कि पैसा किसके पास गया। परमबीर ने कहा कि उसने मुझे और उद्धव को जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि सरकार पर कोई संकट नहीं है, देशमुख पर सीएम से चर्चा करके फैसला लेंगे।
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उन्होंने कहा, ‘‘मैं उद्धव ठाकरे को सुझाव दूंगा कि परमबीर सिंह के दावों पर गौर करने के लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी जुलियो रिबेरो का सहयोग लें।’’
उन्होंने कहा कि परमबीर सिंह से अंबानी के घर के बाहर बरामद हुई कार पर मेरी बात हुई। विस्फोट वाली कार खड़ी करने के आरोप सचिन वाजे पर हैं। मुझे बताया गया कि वाजे 16 साल तक सस्पेंड था। शरद पवार ने कहा कि वाजे की बहाली का फैसला न तो सीएम ने लिया और न ही गृह मंत्री ने। वाजे की बहाली परमबीर सिंह ने की।
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शरद पवार ने कहा कि मनसुख की पत्नी ने वाजे पर आरोप लगाए हैं। जब परमबीर को शिफ्ट किया गया तो उन्होंने आरोप क्यों लगाए। इससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप क्यों नहीं लगाए। जब परमबीर को शिफ्ट किया गया तो उन्होंने आरोप क्यों लगाए। ये मामला बहुत ही संवेदनशील है। कुछ आरोप मुख्यमंत्री पर हीं, कुछ परमबीर पर भी हैं। मुंबई पुलिस की छवि बहुत खराब हुई है। सभी आरोपों की जांच होनी चाहिए। चिट्ठी में आरोप लगाए गए हैं लेकिन इसके कोई सबूत नहीं हैं।
पवार ने कहा कि 17 मार्च को होम गार्ड्स में तबादला होने के बाद सिंह ने ये आरोप लगाए। राकांपा सुप्रीमो ने कहा कि सिंह के आरोपों के कारण एमवीए सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन वे सफल नहीं होंगे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे आठ पन्नों के पत्र में सिंह ने आरोप लगाए कि देशमुख अपने सरकारी आवास पर पुलिस अधिकारियों को बुलाते थे और उन्हें बार, रेस्तरां और अन्य स्थानों से ‘‘उगाही करने का लक्ष्य’’ देते थे।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में मचे घमासान पर भाजपा ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर भी सवाल उठाए हैं। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने सवाल किया है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने सचिन वाजे से कहा कि हमें 100 करोड़ रुपये महीना बंदोबस्त करके दो। BJP की तरफ से सवाल है कि सचिन वाजे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई? एक और बहुत बड़ा गंभीर सवाल है कि 100 करोड़ रुपये का टार्गेट था मुंबई से तो कृपया करके उद्धव ठाकरे और शरद पवार जी बताएं कि पूरे महाराष्ट्र का टार्गेट क्या था? अगर एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ था तो बाकी मंत्रियों का टार्गेट क्या था?