नई दिल्ली: दिल्ली के बाटला हाउस इलाके में रहने वाले एक परिवार का आरोप है कि शाहीन बाग और जामिया में पिछले 52 दिनों से चल रहे प्रदर्शन के दौरान ठंड लगने से उनके 4 महीने के बच्चे मोहम्मद जहान की मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि मां नाज़िया अपने 4 महीने के बेटे को लेकर रोजाना कभी शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन तो कभी जामिया में हो रहे प्रदर्शन में हिस्सा लेती थी। 29 जनवरी की रात भी नाज़िया अपने 4 महीने के बच्चे को लेकर शाहीन बाग प्रदर्शन में गई थी। रात में जब मां नाज़िया घर पहुंची तो बेटे को सुला दिया लेकिन जब 30 की सुबह काफी देर तक जहान सो कर नही उठा तो परिवार के लोग बच्चे को नजदीक के अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
परिवार का आरोप है कि 4 महीने के बच्चे की मौत ठंड लगने से हुई है। देर रात तक मां नाज़िया 4 महीने के बच्चे को लेकर प्रदर्शन में बैठती थी तभी बच्चे को ठंड लगी और बच्चे की मौत हो गई। परिवार वालों से जब डॉक्टर की रिपोर्ट के बारे में पूछा तो बच्चे के पिता अरशद का कहना है कि अभी रिपोर्ट्स उन्होंने नहीं पढ़ी है लेकिन परिवार बच्चे की मौत की वजह ठंड और कसूरवार सरकार को बता रहा है। परिवार का आरोप है कि सरकार प्रदर्शनकारियों की बात नहीं सुन रही है इसलिए महिलाओं को ठंड में सड़क पर अपने बच्चों के साथ बैठकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
बता दें कि दिल्ली में दिसम्बर-जनवरी में पड़ने वाली ठण्ड खतरनाक होती है। इन महीनों में दिल्ली के लोग घर रहते हुए ठंड बर्दाश्त नहीं कर सकते तो 4 साल का बच्चा जहान खुली हवा में कैसे बर्दाश्त कर पाया होगा। जहान की मौत ठंड की वजह से ही मौत हुई है। जहान की मौत से पहले उसे जुखाम और ठण्ड ने जकड लिया था।
4 महीने के मोहम्मद जहान के माता-पिता नाजिया और अरशद बाटला हाउस इलाके में प्लास्टिक और पुराने कपड़े से बनी छोटी सी झुग्गी में रहते हैं। उनके दो और बच्चे हैं- पांच साल की बेटी और एक साल का बेटा।' उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले दंपत्ति मुश्किल से अपना रोज़मर्रा का खर्च पूरा कर पाते हैं। अरशद कढ़ाई का काम करते हैं और ई-रिक्शा भी चलाते हैं। उनकी पत्नी नाजिया कढ़ाई के काम में उनकी मदद करती हैं।
इंडिया टीवी ने जब उनके परिवार से बात की उस समय अरशद अपनी पत्नी और 2 बच्चों के साथ जामिया में हो रहे प्रदर्शन में हिस्सा लेने आए हुए थे। मां नाज़िया का कहना है कि वो अपने बच्चों के साथ प्रदर्शन में हिस्सा लेना नही छोड़ेंगी और आखिरी सांस तक प्रदर्शन में हिस्सा लेंगी जब तक सरकार CAA और NRC को वापस नहीं ले लेती।