नयी दिल्ली: नौकरशाह से नेता बने शाह फैसल ने अपनी हिरासत को चुनौती देने वाली बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से वापस ले ली। फैसल की पत्नी ने इस संबंध में हलफनामा दाखिल किया था जिसके बाद न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता धींगरा की पीठ ने फैसल को याचिका वापस लेने की अनुमति दी।
फैसल की पत्नी ने उच्च न्यायालय को बताया कि उन्होंने हाल ही में फैसल से हिरासत में मुलाकात की थी और उसी दौरान उन्हें याचिका वापस लेने के निर्देश मिले। गौरतलब है कि पूर्व आईएएस अधिकारी की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में कहा गया था उन्हें 14 अगस्त को दिल्ली हवाई अड्डे पर अवैध रूप से हिरासत में ले कर वापस श्रीनगर भेज दिया गया था, जहां उन्हें नजरबंदी में रखा गया है।
अधिकारियों ने बताया था कि शाह फैसल इस्तांबुल जाने वाले थे। उन्हें हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया था। दिल्ली हवाई अड्डे पर हिरासत में लिए जाने के बाद उन्हें श्रीनगर भेज दिया गया जहां उतरते ही उन्हें पीएसए के तहत फिर से हिरासत में लिया गया।
बता दें कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद शाह फैसल ने कहा था कि कश्मीर में अप्रत्याशित बंद चल रहा है और उसकी 80 लाख की आबादी कैद कर ली गई है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।