श्रीनगर: कश्मीर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी शाह फैसल ने बुधवार को कहा कि उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर में बेरोक-टोक हत्याओं व हिंदुत्व ताकतों द्वारा भारतीय मुस्लिमों के अधिकारों को कम कर दोयम दर्जे का नागरिक बना हाशिए पर धकेलने के खिलाफ प्रतिष्ठित सेवा से इस्तीफा दे दिया है। फैसल ने पद छोड़ने की घोषणा अपने ट्विटर पेज पर की।
फैसल ने कहा, "कश्मीर में बेरोक-टोक हत्याओं के विरोध व केंद्र सरकार द्वारा कोई विश्वसनीय पहल नहीं किए जाने से मैंने आईएएस पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। कश्मीरी जीवन मायने रखता है।" फैसल ने कहा कि वह शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन करेंगे।
फैसल ने वर्ष 2010 में आईएएस परीक्षा में टॉप किया था। उन्हें जम्मू एवं कश्मीर का होम कैडर आवंटित किया गया था, जहां उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट, स्कूल शिक्षा निदेशक और राज्य के स्वामित्व वाले पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक के रूप में काम किया। वह हाल ही में हार्वर्ड केनेडी स्कूल में फुलब्राइट फैलोशिप पूरा करने के बाद अमेरिका से लौटे थे। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने फैसल के राजनीति में शामिल होने की पुष्टि की।
अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, "नौकरशाही के नुकसान से राजनीति को लाभ मिला है। राजनीति में स्वागत है।" सूत्रों ने कहा कि फैसल के नेशनल कांफ्रेंस में शामिल होने की उम्मीद है और वह कश्मीर घाटी के बारामूला से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। फैसल ने अपने फैसले लेने की वजह को रेखांकित करते हुए विस्तृत बयान जारी किया।
फैसल ने कहा, "मैं कश्मीर में बेरोक-टोक हत्याओं व केंद्र सरकार के ईमानदारी से पहुंच की कमी का विरोध करता हूं।" उन्होंने कहा, "करीब 20 करोड़ भारतीय मुस्लिमों को हिंदुत्व ताकतों के हाथों हाशिए पर धकेल कर दोयम दर्जे का नागरिक बनाने व जम्मू एवं कश्मीर की विशेष पहचान पर कपटपूर्ण हमले व भारत में अति राष्ट्रवाद के नाम पर घृणा फैलाने को व असहिष्णुता की संस्कृति के बढ़ने को लेकर मैंने भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने का फैसला लिया है।"