रायपुर: सेक्स सीडी केस में रायपुर की स्थानीय अदालत ने पत्रकार विनोद वर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दी है। विनोद पर सेक्स सीडी के नाम पर ब्लैकमेलिंग और जबरन वसूली का आरोप है। वर्मा को पिछले दिनों छत्तीसगढ़ पुलिस ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित इंदिरापुरम के उनके आवास से हिरासत में लिया गया था। गाजियाबाद कोर्ट द्वारा ट्रांजिट रिमांड देने के बाद विनोद को रायपुर की अदालत में पेश किया गया था। कोर्ट ने वर्मा को 13 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अदालत में सोमवार को दोनों पक्षों के वकीलों के बीच बहस हुई। दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद अदालत ने विनोद वर्मा की जमानत याचिका खारिज करने का फैसला सुनाया। इससे पहले पुलिस ने 27 अक्टूबर को वर्मा को प्रकाश बजाज नाम के एक शख्स की शिकायत के आधार पर हिरासत में लिया था। बजाज ने अपनी शिकायत में कहा था कि खुद को विनोद वर्मा बताने वाले एक व्यक्ति ने उसे फोन पर धमकी दी और कहा कि उनके पास उसके आका की सीडी है और अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो उस सीडी को बांट दिया जाएगा।
बजाज की शिकायत के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने विनोद वर्मा पर सेक्शन 384 (extortion), सेक्शन 506 (criminal intimidation) और आईटी ऐक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। वहीं वर्मा ने दावा किया था कि उनके पास छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री राजेश मूणत का वीडियो है जिसकी वजह से सरकार उन्हें फंसा रही है। उन्होंने कहा था कि उनके पास सिर्फ एक पेन ड्राइव है और सीडी पहले से ही पब्लिक डोमेन में है। उन्होंने कहा था कि उनका इससे कुछ लेना-देना नहीं है। जबकि छत्तीसगढ़ के लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत ने वर्मा के दावों को खारिज करते हुए कहा था कि सीडी पूरी तरह फर्जी है और वह किसी भी एजेंसी द्वारा इसकी जांच के लिए तैयार हैं।