नई दिल्ली: जून का महीना हिंदुस्तान के अलग-अलग शहरों में अलग-अलग रंग दिखा रहा है और उत्तर से दक्षिण तक बेईमान मौसम देखकर लोग हैरान है। मुंबई में पहली बारिश हुई तो राहत के साथ आफत का अलर्ट जारी हो गया है। 48 घंटे तक खतरा चक्रवाती तूफान का है। औरंगाबाद में ओले गिरे हैं और लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली है तो इससे उलट राजस्थान में पारा 50 डिग्री के पार पहुंच गया है।
दिल्ली भी दहक रही है और आग बरसाते सूरज ने चढ़ते पारे का हर रिकॉर्ड तोड़ दिया है लेकिन इन सबके बीच एक दिलचस्प तस्वीर पहाड़ों से भी आई है। जिस वक्त आधा हिंदुस्तान गर्मी से त्राहिमाम कर रहा है तो कश्मीर से हिमाचल तक कुछ हिस्सों में बर्फबारी हो रही है। ऐसा लग रहा है मानों हिंदुस्तान में मौसम अलग-अलग हिस्सों में 360 डिग्री की पलटी मार रहा है।
दिल्ली में सोमवार को गर्मी ने वो रिकॉर्ड कायम कर दिया जिससे हर कोई हैरान था लेकिन चिंता की बात ये कि अभी राहत की कोई उम्मीद नहीं है। पहली बार दिल्ली में पारा 48 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। जून के महीने में दिल्ली में ये अब तक का सबसे गर्म दिन रहा। ये पहला मौका है जब दिल्ली का पारा 50 डिग्री के पास जा पहुंचा जबकि सफदरजंग में अधिकतम तापमान 45.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
सोमवार को मौसम विभाग ने दिल्ली को लेकर रेड अलर्ट जारी किया था जिसका मतलब है गर्मी का सबसे खतरनाक स्तर। अब भी मौसम विभाग की भविष्यवाणी है कि पारे का प्रहार दिल्लीवालों पर जारी रहने वाला है।
मौसम विभाग के मुताबिक़ दिल्ली को गर्मी से राहत मिलने की संभावना कम है क्योंकि अगले 3 हफ्ते तक दिल्ली में बारिश होने के कोई आसार नहीं हैं। हालांकि 12 और 13 जून को दिल्ली में धूल भरी आंधी आने की आशंका है लेकिन पारे में गिरावट ना के बराबर होगी और लू के थपेड़े मुश्किल बने रहेंगे।
रेगिस्तान के प्रदेश राजस्थान में सबसे बुरा हाल है। सूबे के 6 से ज्यादा शहरों में तापमान सोमवार को 48 डिग्री सेल्सियस के पार था। चुरू और धौलपुर में तापमान में 50 डिग्री सेल्सियस के पार रहा। जयपुर में बीते 10 साल में सबसे अधिक गर्मी रही लेकिन पारे के प्रहार के बीच पहाड़ों पर बर्फबारी की तस्वीर लोगों की चौंका रही है। जो लोग गर्मी से झुलस रहे थे वो इस बर्फबारी और ठंडे मौसम का मज़ा लेने के लिए पहाड़ों की ओर निकले पड़े।
ठंडे मौसम का मज़ा लेने के लिए जो लोग पहाड़ों की ओर निकले मुश्किलों ने उनका पीछा वहां भी नहीं छोड़ा। टूरिस्टों की भारी संख्या से पहाड़ों पर भीषण जाम लग गया और लोग रास्तों में फंस गए। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर क्या करें और कहां जाएं जिससे इस जलती और चुभती गर्मी से राहत मिल जाए।