नयी दिल्ली: दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में जाने के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नीत कार्य बल ने लोगों को सलाह दी है कि वे अगले तीन से पांच दिन तक घर से बाहर निकलने से बचे और निजी गाड़ियों के इस्तेमाल से परहेज करें। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में रविवार को साल में दूसरी बार प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहा। मौसम संबंधी स्थितियों की वजह से आगामी कुछ दिनों तक दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रह सकती है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े बताते हैं कि समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 446 रहा जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। केंद्र के वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) के आंकड़ों में यह 471 रहा। पीएम 2.5 के ‘गंभीर एवं आपात’ श्रेणी में पहुंचने के मद्देनजर शनिवार को सीपीसीबी नीत कार्यबल ने बैठक की। पीएम 2.5 का स्तर अधिक होने पर घर से निकले पर कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा हो सकता है और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकारण ने बैठक में कई सिफारिशें की हैं जिसमें एजेंसियों को हिदायत दी गई है कि वे पहले से तय किए गए उपायों को लागू करने के लिए जमीनी स्तर पर कार्रवाई में तेजी लाएं, खासतौर पर, गाड़ियों के उत्सर्जन और बायोमास जलाने पर लगाम लगाएं।
अन्य सिफारिशों में, संबंधित एजेंसियां से कहा है कि उन जगहों पर निगरानी बढ़ाएं जहां औद्योगिक कचरा डाला जाता है या जलाया जाता है। निगरानी खासतौर पर उन इलाकों में बढ़ाई जाए जहां प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहता है। इसके साथ ही पानी का छिड़काव किया जाए और यातायात पुलिस सुगम यातायात सुनिश्चित करे। सीपीसीबी ने कहा कि कार्यबल ने लोगों से निजी गाड़ियों का इस्तेमाल नहीं करने का अनुरोध किया है, विशेष रूप से, डीजल से चलने वाले वाहनों का उपयोग करने से बचने को कहा। इसके अलावा, लोगों से अपील की है कि वे अगले तीन से पांच दिन के दौरान कम से कम घर से निकलें, खासतौर पर वो लोग जिन्हें सांस की बीमारी है। भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि हल्की हवा चलने और कम तापमान का काल अभी अगले तीन-चार दिन जारी रहेगा। इस वजह से प्रदूषकों का छितराव नहीं होगा और अगले दो-तीन दिन तक वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रह सकती है।