नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में शुक्रवार को एक फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गए। लव जेहाद पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'In the name of love' को लेकर जेएनयू कैंपस अखाड़ा बन गया। इस फिल्म में केरल में लव जेहाद के नाम पर हिन्दू लड़कियों के धर्मांतरण का मुद्दा उठाया गया है। फिल्म की स्क्रीनिंग के विरोध में जेएनयू स्टूडेंट यूनियन और लेफ्ट विंग के छात्र यहां प्रदर्शन कर रहे थे, इसी दौरान राइट विंग और लेफ्ट विंग के गुटों में तकरार शुरू हो गई और देखते ही देखते ही छात्रों के दोनों गुट मारपीट पर उतर आए।
एबीवीपी के छात्रों ने लेफ्ट विंग पर मारपीट और माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया जबकि लेफ्ट विंग के छात्रों का आरोप है कि एबीवीपी के लोग मारपीट और गाली-गलौज के साथ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे। बता दें कि एबीवीपी और विवेकानंद विचारधारा मंच की तरफ से प्रोग्राम को ऑर्गेनाइज किया गया था। फिलहाल दोनों की पक्षों की शिकायत पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
छात्रों का आरोप था कि ये डॉक्यूमेंट्री सामाजिक सौहार्द को लेकर नकारात्मक भावना को भड़काने वाली है । विरोध करते हुए छात्रों ने हाथ में बैनर लेकर प्रदर्शन भी शुरू कर दिया जिसके बाद से आरोप है कि ऑर्गनाइजर्स ने उनके साथ मारपीट की इस मारपीट में कई लोग जख्मी भी हुए। जेएनयू से पीएचडी कर रहे हैं प्रदीप नारवाल का आरोप है कि एबीवीपी के लोग मारपीट के साथ-साथ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल और गाली-गलौज भी कर रहे थे। यहां तक की उन्होंने जान से मारने तक की धमकी दे डाली जिसके बाद से इसके खिलाफ वसंत कुंज नॉर्थ थाने में शिकायत दी गई है।
हालांकि इस पूरे मामले में एबीवीपी लेफ्ट विचारधारा के छात्रों पर माहौल को बिगाड़ने और मारपीट करने का आरोप लगा रहा है। एबीवीपी के मुताबिक जैसा आरोप लगाया जा रहा है इस फिल्म में वैसा कुछ भी नहीं था। बहरहाल दोनो पक्षों की शिकायत पर पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक जांच में पता चलेगा कि पहले झगड़ा किसने शुरू किया या इस बिगड़े हालात के जिम्मेदार कौन लोग हैं।