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व्यापम घोटाला: विशेष न्यायधीश ने 2 दोषियों को 7 साल और जुर्माना की सजा सुनाई

व्यापम मामले में विशेष न्यायाधीश ने राकेश पटेल और तरुण उसरे को सोमवार को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत एक हजार से तीन हजार रुपए का जुर्माना भी उनपर लगाया गया है।

Reported by: Abhay Parashar @abhayparashar
Published on: September 16, 2019 20:13 IST
Seven years rigorous imprisonment 2 two candidates in a...- India TV Hindi
Seven years rigorous imprisonment 2 two candidates in a case related to VAYAPAM

भोपाल: मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाला मामले में विशेष न्यायाधीश ने राकेश पटेल और तरुण उसरे को सोमवार को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत एक हजार से तीन हजार रुपए का जुर्माना भी उनपर लगाया गया है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में साठगांठ कर मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले में फर्जीवाड़ा कर भर्तियां की गईं थी। इस घोटाले के अंतर्गत सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार कर नौकरियां बांटी गईं। दरअसल मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) का काम मेडिकल टेस्ट जैसे पीएमटी प्रवेश परीक्षा, इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा व शैक्षिक स्तर पर बेरोजगार युवकों के लिए भर्ती के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन कराना है। व्यापमं घोटाले में सरकारी नौकरी और मेडिकल कॉलेज में फर्जी भर्तियों का आरोप था। 

इस मामले में सीबीआई ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद 9 जुलाई 2015 के आदेशों पर मामला दर्ज किया था और ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं की चोरी और हेरफेर में आपराधिक षड्यंत्र के आरोपों पर मध्य प्रदेश पुलिस से जांच अपने हाथ में ले ली थी। व्यापम ने 9 जून 2013 को पुलिस और सूबेदार (आशुलिपिक) के सहायक उप-निरीक्षक (एलडीसी) के पदों के लिए परीक्षा आयोजित कराई थी।

इस मामले में आरोप लगाया गया था कि जब स्कैनिंग के लिए व्यपम के कंप्यूटर सेक्शन में 15 जून 2013 को परीक्षा की ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं के लिफाफे खोले गए थे, तब व्यापम अधिकारियों ने पाया कि संबंधित लिफाफे से 02 ओएमआर उत्तर पुस्तिकाएं गायब थीं। इस संबंध में ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं के गायब होने का तथ्य परीक्षा नियंत्रक को बताया गया, जिसके बाद एक तलाशी ली गई और इन 02 ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं की फोटोकॉपी सुरक्षा गार्ड की ओर से रखे बैग में मिली थी।

सुरक्षा गार्ड ने जांच में खुलासा किया था कि बैग व्यपम के एक कर्मचारी का था। आगे जांच में यह पता चला कि ओएमआर उत्तर पुस्तिकाएं दो जूनियर कर्मचारियों द्वारा सुरक्षा गार्ड के साथ मिलकर उन्हें हेरफेर करने और उन पर सही उत्तर विकल्प देने के उद्देश्य से चुराया गया था। आरोपियों के पास से कचरे के ढेर पर मूल ओएमआर उत्तर पुस्तिकाएं बरामद की गईं, जहां उन्होंने उन्हें छिपाया गया था। इसके बाद पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज किया था।

मध्य प्रदेश पुलिस की जांच के दौरान तरुण उसरे और राकेश पटेल को भी आरोपी बनाया गया था। एमपी पुलिस द्वारा इन आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट 29 जलाई 2013 विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। अतिरिक्त साक्ष्य एकत्र करने के बाद, सीबीआई ने 25 मई 2017 को अदालत में पांचों अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। जिसके बाद ट्रायल कोर्ट ने दोनों आरोपी उम्मीदवारों को दोषी पाया और व्यापम के सुरक्षा गार्ड सहित तीन कर्मचारियों को बरी कर दिया।

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