नई दिल्ली. संसद में दिल्ली में पिछले दिनों हिंसा पर चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण गुरुवार को लगातार चौथे दिन गतिरोध बरकरार रहा तथा लोकसभा में सदन का अनादर करने के कारण सात सदस्यों को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। लोकसभा में कांग्रेस के सात लोकसभा सदस्यों को सदन का अपमान करने और ‘घोर कदाचार’ के चलते मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही तीसरी बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिये स्थगित कर दी गई।
सदन में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने देश में कोरोना वायरस से जुड़े हालात और उससे निपटने की तैयारियों पर वक्तव्य दिया जिसके बाद विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस विषय पर अपने सुझाव रखे। इसी क्रम में सुझाव देते हुए सत्तारूढ़ राजग में सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सदस्य हनुमान बेनीवाल ने गांधी परिवार को लेकर एक विवादास्पद बयान दे दिया, जिस पर कांग्रेस सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की बैठक दोपहर करीब एक बजे दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
इसी दौरान राजस्थान से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के बेनीवाल ने कहा कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमित अधिकतर मरीज इटली से लौटे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी अभी पार्टी नेता राहुल गांधी का नाम लिया था। इसके बाद बेनीवाल ने ‘इटली और कोरोना वायरस’ को जोड़ते हुए गांधी परिवार को लेकर एक ‘विवादास्पद बयान’ दिया जिस पर कांग्रेस के सदस्य उग्र होते हुए आसन के समीप आ गये और बेनीवाल की बात का विरोध करने लगे। कुछ कांग्रेस सांसदों ने कागज और प्लेकार्ड फाड़कर भी उछाले जिनके टुकड़े आसन के पास आकर गिरे।
भारी हंगामे के कारण पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने सदन की बैठक करीब एक बजे दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर कुछ कांग्रेस सदस्यों ने आसन से कुछ कागजात लेकर नीचे फेंक दिए। इसके कारण सदन की कार्यवाही दो बजकर करीब पांच मिनट पर तीन बजे के लिये स्थगित कर दी गई। अपराह्न तीन बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने कहा, ‘‘आज दोपहर सदन में चर्चा के दौरान कुछ सदस्यों ने सभा की कार्यवाही से संबंधित आवश्यक कागज अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक छीन लिये और उछाले गये। संसदीय इतिहास में ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संभवत: पहली बार हुआ है जब अध्यक्ष पीठ से कार्यवाही से संबंधित पत्र छीने गये। मैं इस आचरण की घोर निंदा करती हूं।’’
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस के गौरव गोगोई, टी एन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टेगोर और गुरजीत सिंह औजला को सत्र की शेष अवधि के लिये निलंबित करने का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूर किया इससे पहले लेखी ने संसदीय प्रक्रिया नियमों के नियम 374 के तहत उक्त सदस्यों को नामित किया। इसके बाद पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित कर दी। इससे पहले अधीर रंजन चौधरी ने कोरोना वायरस पर सुझाव देते हुए कहा था, ‘‘हमारे नेता राहुल गांधी ने भी इस संबंध में सरकार को चेताया था।’’
सरकार ने खनन विधियां संशोधन विधेयक 2020 पारित कराने का प्रयास किया लेकिन हंगामे के कारण यह पारित नहीं हो सका । राज्यसभा में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के बयान के बाद विभिन्न दलों के सदस्यों ने स्थिति से निबटने के बारे में अपने सुझाव दिया। इसके बाद सदन की बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले सदन की बैठक शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार जब तक दिल्ली हिंसा पर चर्चा नहीं करवाती, विपक्षी दलों के बीच सहमति बनी है कि सदन में कोई कामकाज नहीं होने दिया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उच्च सदन में कहा कि दिल्ली हिंसा पर लोकसभा में 11 मार्च और राज्यसभा में 12 मार्च को चर्चा होगी। सोमवार से शुरू हुए बजट सत्र के दूसरे चरण में दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है।