नई दिल्ली: राम मंदिर मामले पर अहम टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि दोनों पक्ष आपस में मिलकर इस मामले को सुलझाएं। अगर जरूरत पड़ती है तो सुप्रीम कोर्ट के जज मध्यस्थता को तैयार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राम मंदिर का मामला धर्म और आस्था से जुड़ा है।
राम मंदिर मुद्दे पर कोर्ट की टिप्प्णी के बारे में जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने बताया कि चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर ने कहा कि जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट के जज इस मामले में मध्यस्थता को तैयार हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों को बातचीत के लिए अगले शुक्रवार तक का समय दिया है।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट से मांग की थी कि संवेदनशील मामला होने के नाते इस मुद्दे पर जल्द से जल्द सुनवाई हो। वहीं, कोर्ट ने स्वामी ने कहा कि इस मुद्दे को 31 मार्च या उससे पहले उसके सामने रखे। वहीं, याचिकाकर्ता स्वामी ने कहा कि राम का जन्म जहां हुआ था, वह जगह नहीं बदली जा सकती। नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है। स्वामी ने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे पर मध्यस्थ बनने के लिए काफी वक्त से तैयार बैठे हैं।