नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने आसिया अंद्राबी और दो अन्य कश्मीरी अलगाववादियों को 10 दिन के लिये राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में शुक्रवार को सौंप दिया। इन लोगों को देश के खिलाफ कथित तौर पर जंग छेड़ने के मामले में एनआईए की हिरासत में सौंपा गया है। इन तीनों को सख्त सुरक्षा के साथ श्रीनगर से यहां लाया गया था और जिला एवं सत्र न्यायाधीश पूनम बांबा के समक्ष शुक्रवार पेश किया गया। अदालत ने बंद कमरे की सुनवाई में एजेंसी की यह अर्जी मंजूर कर ली कि प्रतिबंधित संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत की मुखिया से कश्मीर घाटी में घृणा फैलाने वाला भाषण देने के सिलसिले में पूछताछ किये जाने की जरूरत है। एनआईए ने अंद्राबी और उसकी दो सहायकों--सोफी फहमीदा और नाहिदा नसरीन की 15 दिन के लिये हिरासत मांगी थी।
मामले से जुड़े वकीलों को अदालत कक्ष में जाने की अनुमति दी गई थी और उन्होंने अदालत की कार्यवाही के बारे में प्रतीक्षा कर रहे मीडियाकर्मियों को जानकारी दी। जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने पिछले महीने अंद्राबी की जमानत रद्द कर दी थी। उसके बाद से वह श्रीनगर के एक कारागार में कैद है। उसे उसके सहयोगियों के साथ कश्मीर से यहां लाया गया। एनआईए ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर उन लोगों के साथ-साथ संगठन के खिलाफ इस साल अप्रैल में एक मामला दर्ज किया था। यह संगठन गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है। एनआईए ने उनकी हिरासत की मांग करते हुए अदालत में कहा कि मौजूदा जांच में अब तक यह खुलासा हुआ है कि आरोपी भारत की संप्रभुता एवं अखंडता को गंभीर नुकसान पहुंचाने की गतिविधि में संलिप्त थे।
जांच एजेंसी ने कहा कि साइबर जगत में अपनी गतिविधियों के जरिए वे पाकिस्तान स्थित प्रतिष्ठान की मदद पाने के लिए संगठित अभियान चला रहे हैं, जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों का सहयोग पाना भी शामिल है। एनआईए ने कहा कि उनकी संलिप्तता की और भी जांच किए जाने की जरूरत है और इस उद्देश्य के लिए आरोपियों से पूछताछ की जरूरत है।