नई दिल्ली: भारतीय सेना ने बुधवार को कहा कि इमरान खान के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद नियंत्रण रेखा पर आतंकी ढांचों में कोई बदलाव नहीं आया है। सेना ने पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में लगातार आतंकी घुसपैठ की कोशिशों के चलते नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा हालात को नाजुक बताया है। जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओसी - इन - सी), उत्तरी कमान, लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने यह भी कहा कि नियंत्रण रेखा और जम्मू कश्मीर के अन्य इलाकों में सर्दियों के मौसम के लिए एक नई रणनीति अमल में लाई जाएगी ताकि आतंकवादी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके।
पीएचडी छात्र से आतंकवादी बने मन्नान वानी के मारे जाने पर नेताओं की विवादित टिप्पणियों और युवाओं के बीच कट्टरपंथ के प्रसार से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सेना जमीनी हकीकत से वाकिफ है। सेना आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं को राजनीतिक रंग दिए जाने या नहीं दिए जाने से प्रभावित नहीं होती तथा हमेशा ही खुद को सौंपे गए काम पर ध्यान केंद्रित किए रखती है।
सिंह ने सीमा पर सुरक्षा हालात के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा हालात नियंत्रण में है। हालांकि, नियंत्रण रेखा पर यह नाजुक बने हुए हैं क्योंकि पाकिस्तान राज्य में घुसपैठियों को भेजने की लगातार कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम पंचायत चुनावों के लिए तैयार हैं जो जल्द होने की संभावना है।’’
कुपवाड़ा में पिछले हफ्ते एक मुठभेड़ में वानी के मारे जाने पर सेना कमांडर ने कहा कि वह एएमयू का छात्र था और सेना जमीनी हकीकत से पूरी तरह से अवगत है। सर्दियों की रणनीति पर लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा कि बर्फबारी की शुरुआत के साथ ही सेना अपनी तैनाती और काम में बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा "इस साल हम अपनी तैनाती में बदलाव लाने जा रहे हैं।" उन्होंने कहा भारतीय सेना सतर्क और दुश्मन की किसी भी कारवाई का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।