नई दिल्ली: यूपी गेट से गाजियाबाद के डासना तक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का दूसरा खंड अपने निर्धारित समय से पांच महीने पहले इस साल दिसंबर से शुरू हो जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, परियोजना पर काम 55 प्रतिशत पूरा हो चुका है और यह मई 2020 तक अपने निर्धारित लक्ष्य से पहले ही बनकर तैयार हो जाएगा।
एनएचएआई के सूत्रों ने बताया कि इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली से महज एक घंटे में मेरठ पहुंचा जा सकेगा। एक्सप्रेसवे का पहला खंड, दिल्ली के सराय काले खां से गाजियाबाद में यूपी गेट तक जून 2018 में पूरा हो चुका है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
दिल्ली से मेरठ तक 59.78 किलोमीटर लंबा छह लेन वाला डबल कैरिज एक्सप्रेसवे होगा और टोल चुकाने के बाद इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस खंड के साथ, सराय काले खां से डासना तक की दूरी पर चार लेन की सड़क पर बिना किसी शुल्क यात्रा की जा सकेगी। वहीं डासना से हापुड़ तक 22.23 किलोमीटर लंबी सड़क पर भी यात्रियों को मुफ्त सुविधा मिलेगी। इस पर अब केवल 5 फीसदी निर्माण कार्य पूरा होना बाकी है।
एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "एक्सप्रेसवे पर तीन टोल प्लाजा होंगे। इसमें सराय काले खां और यूपी गेट के बीच तीन प्रवेश और निकास बिंदु होंगे। इसी के साथ गाजियाबाद से यूपी गेट व डासना के बीच तीन अतिरिक्त प्रवेश और निकास द्वार बनाए जाएंगे।"
अधिकारी ने कहा कि यूपी गेट से डासना तक के खंड पर कुछ ऐसे मुद्दे हैं जोकि काम में देरी की वजह बन रहे हैं। उन्होंने कहा, "गाजियाबाद में प्रताप विहार के पास एक पानी की पाइप लाइन को हटाना है। इसके अलावा, दिल्ली नगर निगम के टोल बूथ जोकि यूपी गेट पर भीड़ पैदा कर रहा है, इसे भी स्थानांतरित करने की आवश्यकता है। हम इन कार्यो को तेज करने के लिए अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं।"
डासना से मेरठ तक एक्सप्रेसवे का 31.78 किलोमीटर लंबा हिस्सा, जोकि परियोजना का अंतिम चरण है, उसका काम 52 फीसदी हो चुका है। इस खंड के साथ लगभग 0.48 हेक्टेयर भूमि को वन विभाग की मंजूरी का इंतजार है।
डासना और हापुड़ के बीच सड़क का विस्तार, जो एक्सप्रेसवे का हिस्सा नहीं है, वह टोल फ्री होगा और यहां 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है।