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किसान आंदोलन का आज दूसरा दिन, फिर सड़क पर बहेगी दूध की नदी, बढ़े सब्जियों के दाम

एक साल पहले जो शहर किसान आदोलन का केंद्र था वहां आंदोलन के पहले दिन अजीब सी शांति दिखी। मध्य प्रदेश के मंदसौर के ज्यादातर किसान बाजार का रुख न कर घर पर ही रहे। सामान नहीं पहुंचा तो मंडी में सन्नाटा पसरा रहा।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 02, 2018 7:20 IST
Second day of farmers nationwide strike, vegetable and milk supplies take the hit- India TV Hindi
Image Source : PTI किसान आंदोलन का आज दूसरा दिन, फिर सड़क पर बहेगी दूध की नदी, बढ़े सब्जियों के दाम

नई दिल्ली: किसान आंदोलन का आज दूसरा दिन है और आज ही से इस आंदोलन का असर दिखने लगा है। मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में सब्जियों के दाम तेजी से ऊपर चढ़ गए हैं। आज भी मंडियों में गांवों से होने वाली सब्जी और दूध की सप्लाई नहीं होगी। यानी आमलोगों की मुश्किलें और बढ़ने वाली है। किसानों का साफ कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इस आंदोलन के दौरान अभी तक कहीं से कोई बुरी खबर तो नहीं आई है लेकिन मंडियों में आंदोलन का असर दिखने लगा है। सब्जियों के रेट कई गुना बढ़ गए हैं।

मंदसौर के ज्यादातर किसान घर पर ही रहे

एक साल पहले जो शहर किसान आदोलन का केंद्र था वहां आंदोलन के पहले दिन अजीब सी शांति दिखी। मध्य प्रदेश के मंदसौर के ज्यादातर किसान बाजार का रुख न कर घर पर ही रहे। सामान नहीं पहुंचा तो मंडी में सन्नाटा पसरा रहा। जहा रोजाना 30 से चालीस हजार बोरियों की आवक होती थी वहां आंदोलन के पहले दिन एक हजार बोरियां भी नहीं दिखीं। मंदसौर में तनाव को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का दावा किया जा रहा है।

दिल्ली में भी हालात हो सकते हैं मुश्किल
किसान आंदोलन का देश की राजधानी दिल्ली पर भी बड़ा असर पड़ने वाला है क्योंकि दिल्ली की मंडियों में बाहरी राज्यों से ही ज्यादातर सब्जियां आती हैं। ज्यादातर दूध की सप्लाई हरियाणा से होती है, प्याज और टमाटर एमपी से आता है। दिल्ली की मंडी में पहले दिन तो सब्जियों की किल्लत नहीं थी लेकिन आज दूसरे दिन जब ट्रक नहीं आएंगे, सब्जियां नहीं आएंगी तो दिल्ली में भी हालात मुश्किल हो सकते हैं।

आंदोलन का असर तीन दिन बाद दिखाई देगा
दस दिनों के गांव बंद की कॉल देने वाले राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के नेता शिव कुमार शर्मा का दावा है कि इस बंद को 130 संगठनों का सपोर्ट है। शिव कुमार शर्मा ने कहा कि आंदोलन का असर तीन दिन बाद दिखाई देगा। अगर सरकार की नींद तब भी नहीं खुली और किसानों का दमन किया गया तो बाकी की जिम्मेदारी सरकार की होगी।

किसानों के दस दिन के गांव बंद आंदोलन के पहले दिन हजारों की तादाद में किसान सड़कों पर उतरे। कम से कम आठ राज्यों में किसानों ने शहरों की तरफ जाने वाला सामान ठप कर दिया और जगह-जगह प्रदर्शन किया। आज आंदोलन के दूसरे दिन भी हालात कुछ ऐसे ही रहने वाले हैं। किसान आज भी सड़क पर उतरेंगे, विरोध जताएंगे, फल, सब्जी और दूध का बहिष्कार करेंगे। जब तक उनकी मांगें मानी नहीं जाएंगी बीच सड़क पर सब कुछ बहा देंगे।

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