नई दिल्ली: दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें कोर्ट परिसर में खड़ी कई गाड़ियों में आग लगा दी गई। यहां हुई झड़प में मीडियाकर्मियों को भी पीटा गया है। इतना ही नहीं मौके पर मौजूद लोगों द्वारा वीडियो बनाए जाने पर उनके मोबाइल भी तोड़ दिए गए। पुलिस और वकीलों की इस झड़प की पुख्ता वजह का तो अभी पता नहीं चला है लेकिन खबरें हैं कि पार्किंग को लेकर यह विवाद शुरू हुआ था।
हालांकि, मौके पर भारी पुलिस बल पहुंच गया है। लेकिन, पुलिस बल को कोर्ट परिसर के अंदर जाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। क्योंकि, इस झड़प के बाद वकीलों ने कोर्ट परिसर का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया था। मुख्य द्वार में ताला लगाकर वकीलों ने अंदर से नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस बाहर से ही स्थिति को कंट्रोल करने की कोशिश करती रही लेकिन जब बात और ज्यादा बढ़ने लगी तो पुलिस कोर्ट परिसर में घुस गई।
फिलहाल, पुलिस के साथ-साथ दमकल विभाग की एक गाड़ी में कोर्ट परिसर में पहुंच गई है। दमकल विभाग की गाड़ी कोर्ट में परिसर में आग के हवाले कर दी गई गाड़ियों की आग बुझा रही है। वहीं, इंडिया टीवी से बात करते हुए वकील प्रदीप खत्री ने कहा कि 'वकीलों ने आगजनी नहीं की और न ही फायरिंग की। पुलिस ने फायरिंग की थी।'
इस पूरे मामले पर बात करते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने कहा, “यह दिल्ली पुलिस की बहुत ही क्रूर कार्रवाई है। बस, कुछ पार्किंग मुद्दे के कारण, पुलिस ने निर्दोष अधिवक्ताओं पर गोलीबारी शुरू कर दी। बार काउंसिल इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता।” उन्होंने आगे कहा कि हमने उच्च पुलिस अधिकारियों और सरकार से मांग की है कि दोषी पुलिसकर्मियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उन्हें निलंबित कर दिया जाए।