नई दिल्ली: सीबीएसई के प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच की जानकारी रखने वाले एक पुलिस अधिकारी ने कहा है कि कक्षा बारहवीं के अर्थशास्त्र के प्रश्नपत्र लीक के सिलसिले में यहां के जिस मदर खजानी कॉन्वेंट स्कूल के दो शिक्षकों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उन पर (उस स्कूल को) निर्धारित समय से काफी पहले ही शिक्षकों को कथित रुप से प्रश्नपत्र देने को लेकर नजर रखी जा रही थी।
अधिकारी के अनुसार निरीक्षकों को परीक्षा के दिन पौने दस बजे प्रश्नपत्र दिए जाते हैं और उन्हें तत्काल उन्हें खोलने की अनुमति दी जाती है। परीक्षा साढ़े दस बजे शुरु होती है। अधिकारी के मुताबिक लेकिन इस मामले में स्कूल प्रशासन ने शिक्षकों को कथित रुप से करीब नौ बजकर 10 मिनट पर ही प्रश्नपत्र दे दिए जिससे दो आरोपियों- रोहित और ऋषभ को फोटो खींचकर निजी कोचिंग सेंटर के ट्यूटर तौकीर को भेजने का पर्याप्त समय मिल गया। तौकरी ने उसे विद्यार्थियों तक पहुंचा दिया।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस स्कूल ने अन्य विषयों के प्रश्नपत्र भी शिक्षकों को निर्धारित समय से पहले दे दिए थे और क्या वे प्रश्नपत्र भी लीक हुए। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने इस संबंध में इस स्कूल के प्राचार्य एवं पांच शिक्षकों से पूछताछ की है। इन सभी को क्लीनचिट नहीं दिया गया है।
कक्षा बारहवीं के अर्थशास्त्र के प्रश्नपत्र लीक के संबंध में इस विद्यालय के दो शिक्षकों समेत तीन लोग आज गिरफ्तार किए गए। पुलिस ने बताया था कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान बवाना के एक निजी विद्यालय के शिक्षक ऋषभ (29) और रोहित (26) तथा वहां के निजी कोचिंग सेंटर के ट्यूटर तौकीर (26) के रुप में हुई है।
दिल्ली पुलिस ने लीक के संबंध में दो मामले दर्ज किए थे। पहला मामला अर्थशास्त्र के प्रश्नपत्र लीक होने के संबंध में 27 मार्च को दर्ज किया गया था जबकि दूसरा मामला गणित के प्रश्नपत्र के लीक होने को लेकर 28 मार्च को दर्ज किया गया था। इस संबंध में सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक ने शिकायत दर्ज कराई थी। कक्षा दसवीं के गणित की परीक्षा 28 मार्च को तथा कक्षा बारहवीं के अर्थशास्त्र की परीक्षा 26 मार्च को हुई थी।
अपराध शाखा सीबीएसई लीक मामले में अब तक 60 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है जिनमें दस वॉट्सएपग्रुप के एडमिनिस्ट्रेटर भी शामिल हैं। इन्हीं ग्रुपों में लीक प्रश्नपत्र शेयर किए गए थे।