नई दिल्ली: चार फेज की वोटिंग के बाद ईवीएम का मुद्दा एक बार फिर गर्म हो गया है। 21 विपक्षी दलों ने 50 फीसदी वीवीपैट की पर्चियों की गिनती की मांग की थी। विपक्ष की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते इस पर सुनवाई करेगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम की 5 पर्चियों की वीवीपैट से मिलान का आदेश दिया था जिसके बाद विरोधी दलों ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
इसके पहले कोर्ट ने वीवीपैट पर्चियों का मिलान अनुपात बढ़ाए जाने पर चुनाव आयोग से स्पष्ट जवाब भी मांगा था जिसके बाद आयोग ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि मौजूदा व्यवस्था ठीक है। इसमें बदलाव की जरूरत नहीं है। अगर 50 फीसद पर्चियों के मिलान की मांग मानी गई तो चुनाव परिणाम आने में कम से कम छह दिनों का समय लगेगा।
वहीं 21 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के जवाब के बाद कहा था कि लोकसभा चुनाव के नतीजे के ऐलान में 6 दिन की देरी होती है तो उन्हें स्वीकार है क्योंकि वीवीपैट पर्ची के 50 फीसदी ईवीएम मतगणना के साथ मिलान करने से चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित होगी।