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राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में आज सुनवाई करेगा उच्चतम न्यायालय

राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय आज सुनवाई करेगा।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 26, 2019 0:01 IST
SC to hear Ram-Janmabhoomi-Babri Masjid land dispute case on Tuesday - India TV Hindi
SC to hear Ram-Janmabhoomi-Babri Masjid land dispute case on Tuesday 

नयी दिल्ली: राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय आज सुनवाई करेगा। मामले की सुनवाई पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ करेगी, जिसमें प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर हैं। शीर्ष अदालत ने इससे पहले 29 जनवरी को प्रस्तावित सुनवाई को 27 जनवरी को रद्द कर दिया था क्योंकि न्यायमूर्ति बोबडे उस दिन उपलब्ध नहीं थे। 

इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में 14 अपीलें दाखिल की गयी हैं। चार दीवानी मामलों में दिये गये इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले में कहा गया था कि अयोध्या में 2.77 एकड़ जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बराबर-बराबर बांटा जाए। गत 25 जनवरी को पांच न्यायाधीशों की पीठ का पुनर्गठन किया गया था क्योंकि पहले पीठ में शामिल रहे न्यायमूर्ति यू यू ललित ने मामले में सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। 

बता दें कि आने वाले चुनावों के लिए राम मंदिर भी एक अहम मुद्दा है। इसे लेकर खूब राजनीति होती रही है और हो भी रही है। उदाहरण के तौर पर बताएं तो हाल ही में शिवसेना ने शनिवार को एक खबर का हवाला देते हुए कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का नया रुख यह है कि राम मंदिर मुद्दे को अस्थायी तौर पर किनारे रखा जाए और पुलवामा हमले के बाद पैदा हुए हालात के मद्देनजर कश्मीर के मुद्दे को ‘‘प्राथमिकता’’ दी जाए, क्योंकि यह देश में मौजूदा विमर्श के अनुकूल है।

वहीं, RSS काफी वक्त से BJP पर राम मंदिर निर्माण के लिए दबाव डालने की कोशिश कर रही है। तो BJP राम मंदिर निर्माणा में देरी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है। कई मौकों पर BJP के शीर्ष नेता कहते हैं कि राम मंदिर निर्माण को सुकवाने के लिए कांग्रेस के वकील सुप्रीम कोर्ट में कोशिशें कर रहे हैं। तो वहीं, कांग्रेस भी राम मंदर को लेकर BJP पर पलटवार तो कर रही है।

कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने 22 फरवरी को कहा था कि पार्टी अगर सत्ता में आती है तो वह अयोध्या में राम मंदिर बनाने का भरसक प्रयास करेगी। रावत ने कहा, 'अयोध्या के बारे में मेरा वक्तव्य पहले भी आ चुका है कि अगर हमारी पार्टी सत्ता में आती है तो हम राम मंदिर बनाने का भरसक प्रयास करेंगे। मेरे इस द्रष्टिकोण को पार्टी का भी माना जाना चाहिए।' उन्होंने कहा था कि केवल कांग्रेस पार्टी ने ही पूर्व में सत्ता में रहने के दौरान दो बार राम मंदिर बनाने के गंभीर प्रयास किए हैं। ऐसे में साफ है कि ये मुद्दा कितना राजनीतिक हो गया है।

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