नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को राहत देते हुए विशेष अदालत की ओर से उन्हें भेजे गए सम्मन पर बुधवार को रोक लगा दी। अदालत ने मनमोहन को तलाबिरा-2 कोयला ब्लॉक की 15 फीसदी हिस्सेदारी उद्योगपति कुमारमंगलम बिरला की कंपनी हिंडाल्को को आवंटित किए जाने के संबंध में भेजा था।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी.गोपाल गौड़ा और न्यायमूर्ति सी.नागाप्पन की पीठ ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत की ओर से 11 मार्च को पूर्व प्रधानमंत्री को भेजे गए सम्मन पर रोक लगा दी। इससे पहले वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सम्मन पर सवाल उठाए थे।
न्यायालय ने मनमोहन को भेजे गए सम्मन पर रोक लगाते हुए विशेष अदालत के 11 मार्च के आदेश को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस भी जारी किया।
न्यायालय ने कुमारमंगलम की याचिका पर केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की एक धारा की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है।
सर्वोच्च न्यायालय ने मनमोहन के साथ-साथ कुमारमंगलम, पूर्व केंद्रीय कोयला सचिव पी.सी.पारेख, डी.भट्टाचार्य और हिंडाल्को को भेजे गए सम्मन पर भी रोक लगा दी है।