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मुलायम, अखिलेश के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में CBI को नोटिस, SC ने दो हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने को कहा

उच्चतम न्यायालय ने सपा नेता मुलायम सिंह यादव और उनके बेटों अखिलेश यादव और प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में CBI को नोटिस जारी किया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 25, 2019 16:26 IST
Mulayam Singh Yadav and his sons Akhilesh Yadav- India TV Hindi
Image Source : PTI Mulayam Singh Yadav and his sons Akhilesh Yadav

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सपा नेता मुलायम सिंह यादव और उनके बेटों अखिलेश यादव और प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में CBI को नोटिस जारी किया है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कांग्रेस नेता विश्वनाथ चतुर्वेदी की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए ये नोटिस जारी किया है, जिसमें CBI को मामले की जांच की स्थिति अदालत को बताने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए CBI से इस मामले में जांच की स्थिति बताने के लिए दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। बता दें कि चतुर्वेदी ने 2005 में शीर्ष अदालत में जनहित याचिका दायर करके CBI को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि मुलायम, अखिलेश और उनकी पत्नी डिंपल तथा प्रतीक के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत मुकदमा चलाने के लिए उचित कार्रवाई की जाए। 

याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन लोगों ने अपने पदों का दुरुपयोग करते हुए आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की। शीर्ष अदालत ने एक मार्च 2007 को अपने फैसले में CBI को ‘‘आरोपों की जांच करने’’ और यह पता लगाने का निर्देश दिया था कि सपा नेताओं की आय से अधिक संपत्ति से संबंधित याचिका ‘‘सही है या नहीं।’’

अदालत ने 2012 में मुलायम सिंह और उनके बेटों की इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया था और CBI को इस मामले की जांच के क्रम में आगे बढ़ने का निर्देश दिया था। हालांकि, अदालत ने डिंपल का अनुरोध स्वीकार करते हुए CBI को उनका नाम जांच से हटाने का निर्देश दिया था और कहा था कि वह किसी सार्वजनिक पद पर काबिज नहीं थीं। अदालत ने एक मार्च 2007 के अपने आदेश में संशोधन किया था और CBI से सरकार के सामने नहीं बल्कि अदालत के सामने स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा था।

चतुर्वेदी ने अपनी नई याचिका में कहा कि शिकायत दर्ज होने/अदालत के निर्देश और इस संबंध में एक नियमित मामला दर्ज होने में अनिर्णय के बीच लंबा अंतराल रहा और 11 साल से इस मामले में किसी कार्रवाई के बिना असामान्य लंबा वक्त गुजर चुका है। नियमित मामला दर्ज करने के लिए यह विषय अब भी CBI के सामने लंबित है। याचिका में कहा गया कि अब तक मुलायम-अखिलेश के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई और इससे न केवल पूरे मामले को अपूरणीय क्षति पहुंची बल्कि यह हमारी जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता और ईमानदारी पर गंभीर सवाल उठे।

याचिका में कहा गया कि CBI कानून के अनुसार नियमित मामला दर्ज करने और क्षेत्राधिकार वाले मजिस्ट्रेट को प्राथमिकी की रिपोर्ट देने के लिए बाध्य है। CBI की पिछली स्थिति रिपोर्ट के संदर्भ में, नई याचिका में कहा गया कि इससे संकेत मिलते हैं कि न केवल मुलायम, अखिलेश और प्रतीक ने बल्कि डिंपल ने भी आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। इसमें कहा गया कि आयकर रिटर्न और यादव परिवार के विश्वसनीय दस्तावेजों के आधार पर आय से अधिक संपत्ति करीब 2.63 करोड़ रुपये आंकी गई है।

(इनपुट-भाषा)

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