नई दिल्ली: सऊदी अरब के शाहजादे मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद मंगलवार को दो दिनों की भारत यात्रा पर दिल्ली पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रोटोकॉल से अलग हटकर हवाईअड्डे पर उनकी आगवानी की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट में कहा कि प्रोटोकाल से अलग हटते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं सऊदी अरब के शाहजादे मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज की आगवानी की। सऊदी अरब के शाहजादे भारत की पहली द्विपक्षीय यात्रा पर आए हैं।
इस यात्रा के दौरान पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का विषय एक प्रमुख मुद्दा रहेगा। साथ ही दोनों देश रक्षा संबंधों में बढ़ोतरी पर भी चर्चा करेंगे, जिसमें संयुक्त नौसेना अभ्यास शामिल है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दक्षिण एशिया के दौरे की शुरुआत में रविवार को इस्लामाबाद पहुंचे शाहजादे सोमवार को सऊदी अरब लौट गए थे। भारत ने उनके पाकिस्तान से यहां के दौरे पर आने को लेकर आपत्ति जताई थी।
सऊदी अरब के शाहजादे ऐसे समय में भारत की यात्रा पर आए हैं जब कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था, जिसमें 40 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, सऊदी अरब के शाहजादे मोहम्मद बिन सलमान, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर भारत आए हैं। भारत का ये उनका पहला सरकारी दौरा है।
सऊदी अरब के शाहजादे का मुख्य कार्यक्रम 20 फरवरी को है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी शिष्टमंडल स्तर की बैठक हैदराबाद हाऊस में होगी। प्रधानमंत्री द्वारा सऊदी अरब के शाहजादे के सम्मान में भोज दिया जाएगा। वह राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शाहजादे के बीच बुधवार को प्रतिनिधिमंडल स्तर की होने वाली वार्ता में भारत पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएगा। विदेश मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव टी एस त्रिमूर्ति के अनुसार, सऊदी नेता के दौरे में दोनों पक्षों के बीच निवेश, पर्यटन, आवास और सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में पांच समझौतों पर दस्तखत होने की उम्मीद है। इस दौरे से भारत-सऊदी द्विपक्षीय संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत होगी।
वहीं, मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि सऊदी अरब ने पुलवामा में 14 फरवरी को सुरक्षा बलों पर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। हम सुरक्षा और आतंकवाद निरोधक मामलों में उनके सहयोग की सराहना करते हैं। इसमें कहा गया है कि सऊदी अरब ने आतंकवाद से जुड़ी हमारी चिंताओं के प्रति गहरी समझ दिखाई है और उसने इस वैश्विक बुराई से निपटने में भारत के साथ मिलकर काम करने पर सहमति जताई है।
बयान में कहा गया है कि रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों का सहयोग संबंधों का एक महत्वपूर्ण आयाम है। दोनों देश संयुक्त उत्पादन और संयुक्त अभ्यास खास तौर पर संयुक्त नौसेना अभ्यास की संभावना तलाश रहे है। इसमें कहा गया है कि दोनों देश मंत्रालय स्तर पर ‘सामरिक गठजोड़ परिषद’ स्थापित करने को अंतिम रूप दे रहे हैं, जिससे सामरिक संबंधों को गति देने में मदद मिलेगी।
भारत और सऊदी अरब का द्विपक्षीय कारोबार साल 2017-18 में 27.48 अरब डालर रहा है। सऊदी अरब, भारत का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी है। सऊदी अरब ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो कच्चे तेल के संबंध में 17 प्रतिशत जरूरतों की आपूर्ति करता है। दोनों देश खाद्य सुरक्षा, आधारभूत ढांचा, नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्वरक जैसे क्षेत्रों में संयुक्त गठजोड़ बढ़ाने को इच्छुक हैं।