बागेश्वर: उत्तराखंड में लगातार भारी बारिश से बागेश्वर जिले में बहने वाली सरयू नदी ने अपना रौद्र रूप दिखा दिया है। वो खतरे के निशान से दो फुट ऊपर बह रही है। नदी के मुहाने पर बने मकानों में रहने वाले नागरिक उफनती नदी से दहशत में है। जिले के कपकोट इलाके से लगे गॉवो में भारी बारिश ने कई मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। पांच बकरिया मलवे में दबने से मर गई है। जिले में लगातार भारी बारिश से इस इलाके का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई स्थानों पर पेड़ गिरने से विधुत और संचार व्यवस्था बुरी तरह भंग हो गई हैं।
दूरस्थ इलाको में कितना नुक्सान हुआ है इसका अभी कोई आकलन आपदा प्रबंधन तंत्र नहीं लगा सका है। राजस्व टीम नुक्सान का जायज़ा लेने मौके पर गई है । जिले के कई मोटरमार्ग भूस्खलन होने से बंद पड़े है। जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है,और आसपास के गॉवो का आपस में संपर्क टूट गया है। हालांकि जिला प्रशासन बंद पड़े मार्गो को खुलवाने का प्रयास कर रहा है। लेकिन बारिश की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अकेले बागेश्वर में 55 एम एम और कपकोट में 277.50 एम एम बारिश रिकॉर्ड की गई है।
कपकोट में भारी बारिश से हुए भूस्खलन से कई वाहन मलवे के नीचे दब गये है। मकानों में दरारे पड़ गई है,लोग दहशत में है। सड़को में दरारे पड़ गई है। सब तरफ मलवा ही मलवा नज़र आ रहा है।
इसके अलावा कपकोट के ही नरगड़ा और सलिशामा गॉव में दर्जनों मकान भूस्खलन से खतरे की जड़ में आ गए है। सलिशामा गॉव में गोशाला क्षतिग्रस्त होने से 6 बकरियों की दब कर मौत हो गई है। कपकोट-भराड़ी पिंडारी मोटरमार्ग मलवा आने से बंद पड़ा हुआ है। कपकोट क्षेत्र के 12 मोटरमार्ग बंद है जिला प्रशासन जेसीबी की मदद से मार्ग खोलने की कोशिश करवा रहा है। जिससे सामान्य जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है।
वही जिलाअधिकारी रंजना राजगुरु ने खबर इंडिया टीवी को बताया कि जिले में नुक्सान का आकलन कराया जा रहा है। साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग राहत और बचाव के कार्यो में लगा हुआ है। राहत में खाद्यान्न की कमी न हो इसके लिये गोदामों में पर्याप्त खाद्यान्न और ज़रूरी दैनिक चीजों की व्यवस्था कर दी गई है।