नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ तौर पर सरदार पटेल का नाम लेते हुए कहा कि अगर सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते तो जम्मू-कश्मीर की समस्या न होती। साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेताओं को गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने जाने का भी आग्रह करते हुए राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ दिन तो गुजरात में गुजारिए...। पीएम मोदी ने कहा हमें नया भारत बनाने के लिए कर्तव्यभाव जगाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कहा कि सरदार पटेल 100 प्रतिशत शुद्ध रूप से कांग्रेसी थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने ही उन्हें देश का पहला गृह मंत्री बनाया, प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने देश को एक किया, देश की 500 रियासतों को इकट्ठा किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के विधानसभा चुनाव के समय तो कांग्रेस उनका फोटो पोस्टर में लगाती है लेकिन राष्ट्रीय चुनावों में उन्हें भूल जाती है। जम्मू कश्मीर की समस्या को लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर बिना नाम लिए हमला किया। उन्होंने कहा कि माना कि राज्यसभा में मेरी संख्या कम है लेकिन सदन में हमें राय रखने के लिए कहां किसी ने रोका है।
प्रधानमंत्री ने बताया EVM का इतिहास
राज्यसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने EVM का इतिहास तक बता दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, '1977 में ईवीएम की चर्चा हुई। 1982 में पहली बार इसका प्रयोग किया गया। 1988 में इसी सदन के महानुभावों ने कानूनन इस बात की स्वीकृति दी। कांग्रेस के नेतृत्व में ईवीएम को लेकर नियम बनाए गए। आप हर गए इसलिए रो रहे हो। ये क्या तरीका है। इस ईवीएम से अब तक विधानसभा के 113 चुनाव हो चुके हैं, और यहां उपस्थित सभी दलों को उसी ईवीएम से जीतकर सत्ता में आने का मौका मिला। 4 लोकसभा के आम चुनाव हुए हैं। उसमें भी दल बदले हैं और आज हम पराजय के लिए कैसी बात कर रहे हैं। सारे परीक्षण के बाद ईवीएम पर सारी देश की न्यायपालिकाओं ने सही फैसला दिया है।'‘EVM की हवा में हमारे लोग भी आ गए थे’
प्रधानमंत्री ने EVM के मुद्दे पर आगे बोलते हुए कहा, ‘चुनाव आयोग ने चुनौती दी थी। आज जो ईवीएम का यहां हल्ला कर रहे हैं। वह कोई गया नहीं। केवल दो दल गए NCP और CPI। बाकी लोग चुनाव आयोग के निमंत्रण के बाद भी नहीं गए। उस हवा में हमारे लोग भी आए गए थे। हम भी मानने लगे थे कि ईवीएम में गड़बड़ी है। हमने सारी चीजें समझीं और हमारी पार्टी में भी उस विचार को मानने वाले को समझाया गया कि वे गलत रास्ते पर हैं।’ इसके बाद कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘2014 से मैं लगातार देख रहा हूं कि कांग्रेस पराजय को स्वीकार नहीं कर पा रही है। मध्य प्रदेश में क्या हुआ? अभी तो विजय हुई है। कांग्रेस जीत भी नहीं पचा पाती है और हार पचा पाने का सामर्थ्य उसमें नहीं है।’
‘एक देश, एक चुनाव’ पर भी बोले पीएम
‘एक देश, एक चुनाव’ के मुद्दे पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस एक देश, एक चुनाव के पक्ष में नहीं हैं। अरे चर्चा तो करिए। क्या ये समय की मांग नहीं है कि हमारे देश में कम से कम मतदाता सूची तो एक हो? आज देश का दुर्भाग्य है कि जितने चुनाव, उतने मतदाता सूची? चुनाव के रिफॉर्म अनिवार्य हैं। ये होते रहने चाहिए। कुछ लोग कहते हैं कि अगर साथ चुनाव होंगे तो रीजनल पार्टियां खत्म हो जाएंगी। जहां-जहां लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ हुए वहां प्रादेशिक पार्टियां जीती हैं। देश के मतदाताओं को समझ है, इसलिए उनकी समझ पर शक मत करिए। हर प्रयास का स्वागत होना चाहिए। लेकिन हम पहले ही दरवाजे बंद करें तो कभी बदलाव नहीं आता है।’
‘रुकावट डालने वालों को देशवासियों ने सजा दी’
प्रधानमंत्री ने विपक्ष द्वारा विभिन्न मुद्दों पर विरोधी रुख अख्तियार करने को लेकर कहा, ‘इसी सदन में विद्वान लोग बैठे थे, उन्होंने कहा था कि हमारे देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन संभव नहीं है। जब हमने आधार से भ्रष्टाचार खत्म करना चाहते हैं तो वह गलत। हम महान भारत बनाना चाहते हैं तो तकनीक से कितना दूर रहेंगे। हम चीजों से भारते रहेंगे, जीएसटी, ईवीएम, वीमैप हर चीज में उसका विरोध। इस सदन में जिन दलों का व्यवहार पिछले पांच साल में रुकावट डालने का रहा है, अड़ंगे डालने का रहा है, उन सबको देशवासियों ने सजा दी है।’