नयी दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता को प्रोत्साहित करने के लिए पद्म पुरस्कारों की तर्ज पर शुरू किया गया ‘सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता सम्मान’ देश की एकता और अखंडता में योगदान देने वाले संस्थानों या व्यक्तियों को दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल दिसंबर में गुजरात के केवड़िया में आयोजित पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के वार्षिक सम्मेलन में इस सम्मान की घोषणा की थी। सरकार पटेल की प्रतिमा ‘यूनिटी स्टैच्यू’ यहीं स्थित है।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, यह सम्मान राष्ट्रीय एकता और अखंडता को प्रोत्साहित करने में दिए गए प्रेरक योगदान तथा सशक्त एवं अखंड भारत के मूल्यों को मजबूती देने वालों को दिया जाएगा। नस्ल, पेशा, पद या लिंग के भेदभाव के बिना कोई भी व्यक्ति यह सम्मान पाने का हकदार होगा। यह सम्मान बेहद दुर्लभ मामलों में बहुत योग्य व्यक्ति को मरणोपरांत भी दिया जा सकेगा।
अधिसूचना में कहा गया है कि सम्मान पाने वालों के नाम भारत के राजपत्र में प्रकाशित होंगे और राष्ट्रपति के निर्देशानुसार सम्मान पाने वाले सभी लोगों के नाम की सूची रखी जाएगी। यह सम्मान कमल के पत्ते के आकार का होगा। इसकी लंबाई छह सेंटीमीटर, चौड़ाई छह और दो सेंटीमीटर, और मोटाई चार मिलीमीटर होगी। यह शुद्ध चांदी और सोने का बना होगा। इसपर कमल के फूल की नक्काशी बनी होगी। उसपर हिन्दी में लिखा होगा ‘सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता सम्मान।’
राष्ट्रपति को इस सम्मान को वापस लेने, देने से इंकार करने और उसे रद्द करने का अधिकार होगा। ऐसी स्थिति में सम्मान पाले वाले व्यक्ति/संस्था का नाम रजिस्टर से काट दिया जाएगा। ऐसे में सम्मान पाने वाले को पदक और सनद लौटाना होगा।