नई दिल्ली: सतलोक आश्रम प्रकरण में दोषी करार दिए गए रामपाल को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। मंगलवार दोपहर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने रामपाल को 'मरते दम तक जेल' की सजा सुनाई है। रामपाल को 4 महिलाओं और एक बच्चे की हत्या के आरोप में दोषी पाया गया था। बीते 11 अक्टूबर को हत्या के दो मामलों में कोर्ट ने रामपाल को दोषी करार दिया था और इनमें से एक मामले में आज सजा सुनाई गई और एक मामले में कल। इसको देखते हुए हिसार जिले में धारा 144 लगा दी गई है। साथ ही हिसार प्रशासन और पुलिस भी रामपाल के समर्थकों के आने की आशंका को लेकर मुस्तैद है।
रामपाल नवंबर 2014 से जेल में बंद है। इसके खिलाफ दो मामले छह लोगों की हत्या से जुड़े हैं। इस मामले में हिसार जिले के बरवाला शहर के समीप उसके सतलोक आश्रम में पुलिस व उसके समर्थकों के बीच हिंसक झड़प में छह लोग मारे गए थे। इससे पहले, हिसार अदालत ने अगस्त 2017 में रामपाल को लोगों को बंधक बनाने, गैरकानूनी ढंग से इकट्ठा होने, लोकसेवक के आदेश की अवहेलना करने के दो मामलों में बरी कर दिया था।
रामपाल इसके अलावा हत्या की साजिश रचने, देशद्रोह व दंगा भड़काने के आरोपों का सामना कर रहा है। वह और उसके करीबी सहयोगियों व निजी सेना ने नवंबर 2014 में पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के उसे गिरफ्तार करने की आज्ञा के बावजूद पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया था। रामपाल के बच निकलने के प्रयास के क्रम में पांच महिलाओं व एक शिशु की मौत हो गई थी।
इन मामलों में रामपाल समेत कुल 15 लोगों को दोषी करार दिए गए हैं। दोषी लोगों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं। रामपाल को 302, 343 और 120बी के तहत दोषी ठहराया गया है। मतलब उसको 14 साल से फांसी तक की सजा हो सकती है।
18 नवंबर 2014 को दस हजार सिपाहियों की पलटन एक साथ सतलोक आश्रम के बाहर रामपाल को पकड़ने के लिए खड़ी थी। पिछली बार राज्य सरकार की कलई खुल गई थी इसलिए इस बार सरकार और पुलिस कोई फजीहत नहीं चाहती। लिहाजा घटना की आशंका के चलते पैरा मिलिट्री फोर्स के साथ कई जिलों की पुलिस हिसार ओर आसपास तैनात की गई है। पुलिस देख चुकी है कि राम रहीम पर जब फैसला आया तो क्या हुआ था इसलिए इस बार पहले से ही अलर्ट है।