नई दिल्ली: हरियाणा के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल को अदालत से बड़ी राहत मिली है। हिसार कोर्ट ने रामपाल को दो मामलों में बरी कर दिया है। रामपाल के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और आश्रम के अंदर महिलाओं को बंधक बनाकर रखने के आरोप थे। ये मामले 2014 के हैं। वैसे बाबा रामपाल इन दोनों मामलों में बरी होने के बाद भी जेल में ही रहेंगे। रामपाल के खिलाफ राष्ट्रद्रोह और हत्या के मामले चलते रहेंगे। ये भी पढ़ें: EXCLUSIVE: गुरमीत राम रहीम के कुकर्मों की कहानी, उसके राजदार की जुबानी
बता दें कि 18 नवंबर 2014 को जब संत रामपाल को पुलिस जब गिरफ्तार करने पहुंची थी तब उनके समर्थकों ने पूरे आश्रम को घेर लिया था। समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर हिंसा हुई थी। रामपाल को काफी हंगामे और ड्रामे के बाद गिरफ्तार किया गया था। रामपाल की गिरफ्तारी के बाद सतलोक आश्रम से करीब 15 हजार समर्थकों को निकाला गया था। रामपाल और अन्य लोगों के खिलाफ सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने और रास्ता रोककर बंधक बनाने के 2 मामले हैं जिनपर फैसला आना है।
एक मुकदमे में रामपाल समेत 5 और लोग और दूसरे मुकदमे में रामपाल समेत 6 लोग आरोपी हैं। इन मुकदमों की सुनवाई हिसार की सेंट्रल जेल वन में बनाई गई स्पेशल कोर्ट में चल रही है। बता दें कि रामपाल पर एक हत्या का भी केस दर्ज है। रामपाल पर देशद्रोह जैसे कई और मुकदमे भी दर्ज हैं, जिन पर सुनवाई चल रही है।
दरअसल बाबा राम रहीम पर आने वाले फैसले को लेकर पुलिस ने अदालत से संत रामपाल पर फैसला टालने के लिए गुहार लगाई थी जिसके बाद कोर्ट ने फैसला आज के लिए टाल दिया था। उस वक्त हिसार की सेंट्रल जेल वन में बहस पूरी हो गई थी। संत रामपाल पर आने वाले फैसले को देखते हुए हिसार में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। फैसले को लेकर रोडवेज, रेलवे की सेवाएं, मोबाइल इंटरनेट एहतियात के तौर पर बंद रहेगा। रामपाल के ज्यादातर समर्थक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान सहित दूर दराज के प्रदेशों से आते हैं।