नई दिल्ली। कृषि उपज मंडी एक्ट (APMC) में बदलाव को लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस लगातार भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साध रहा है और सरकार के इस कदम को किसान विरोधी बता रहा है। लेकिन कांग्रेस पार्टी से बर्खास्त किए जा चुके नेता संजय झा ने एक्ट में बदलाव के खिलाफ कांग्रेस के विरोध पर ही निशाना साध दिया है। संजय झा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में APMC एक्ट को खत्म किए जाने की बात कही थी और मोदी सरकार ने किसान बिल में यही किया है। संजय झा ने कहा है कि इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की एक ही सोच है।
लोकसभा में पास हुए कृषि विधेयक में APMC एक्ट में बदलाव की बात कही गई है और किसान को अधिकार दिया है कि वह अपनी उपज को कहीं भी बेच सकता है, उसे APMC मंडी में अपनी उपज बेचने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ेगा। कांग्रेस पार्टी ने इसका विरोध किया है और कहा है कि सरकार के इस कदम के पीछे की मंशा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को हटाना है।
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साफ कर चुके हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था समाप्त नहीं होगी और किसानों से गेहूं, धान, दलहन और तिलहन की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होती रहेगी। कृषि विधेयकों को लेकर किसानों के प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी किसानों को भरोसा दिलाया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था समाप्त नहीं होगी और बनी रहेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विधेयकों में MSP को लेकर जो दुष्प्रचार किया जा रहा है वह सरासर झूठ है और किसानों के साथ धोखा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि MSP को लेकर ऐसा दुष्प्रचार किया जा रहा है कि सरकार किसानों को इसका लाभ नहीं देगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि MSP को लेकर मनगढ़ंत बातें कही जा रही है कि किसानों से गेहूं धान की खरीद नहीं की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सारी बातें सरासर झूठ हैं और यह किसानों के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों को MSP के माध्यम से ठीक मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है, पहले भी प्रतिबद्ध थी और आगे भई रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकारी खरीद भी पहले की तरह जारी रहेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने APMC एक्ट के बारे में कहा कि कोई भी व्यक्ति अपना उत्पादन जो भी वो पैदा करता है दुनिया में कहीं भी बेच सकता है जहां चाहे वहां बेच सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कपड़ा बनाने वाला जहां चाहे अनपा कपड़ा बेच सकता है, बर्तन बनाने वाला, जूते बनाने वाला अपने उत्पाद कहीं भी बेच सकता है, लेकिन किसान भाई बहनों को इन अधिकारों से वंचित रखा गया, मजबूर किया गया। अब नए प्रावधान लागू होने से किसान अपनी फसल देश के किसी भी बाजार में अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेंगे।