नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोमवार को कहा कि वैक्सीन आने के बाद 2 प्रजाति बहुत परेशान हैं। एक कोरोना वायरस और दूसरा कांग्रेस पार्टी बहुत परेशान है। हमने समय-समय पर कांग्रेस को म्युटेंट वैरायटी में बदलते देखा है, एक से बढ़कर एक भयंकर रूप कांग्रेस धारण करती रहती है। संबित पात्रा ने कहा देश में इस समय वैक्सीन को लेकर जिस प्रकार की राजनीति हो रही है। उससे दुःखद और कष्टदायक कुछ नहीं हो सकता।
संबित पात्रा ने कहा कि विपक्ष ऐसे विषय रख रहा है, जिससे वैक्सीन का ये अविष्कार छोटा साबित हो सके। आदरणीय जेपी नड्डा जी ने भी ये बात कही है कि कांग्रेस और विपक्षी जो इस पर राजनीति कर रहे हैं, उन्हें आत्मचिंतन करना चाहिए, कि वो इस प्रकार का व्यवहार क्यों करते हैं।
कांग्रेस नेताओं ने स्वदेशी कोविड-19 टीके को डीसीजीआई मंजूरी पर चिंता जताई
कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके को सीमित इस्तेमाल की मंजूरी दिये जाने पर चिंता जतायी और कहा कि यह ‘‘अपरिपक्व’’ है और खतरनाक साबित हो सकता है। हालांकि कांग्रेस में इसको लेकर अलग रुख भी सामने आये। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने स्वदेशी टीके के लिए वैज्ञानिकों और भारत बायोटेक के अनुसंधानकर्ताओं की प्रशंसा की।
कांग्रेस के नेताओं जैसे आनंद शर्मा, जयराम रमेश और शशि थरूर ने स्वास्थ्य मंत्री से यह समझाने के लिए कहा कि अनिवार्य प्रोटोकॉल तथा डेटा के सत्यापन का पालन क्यों नहीं किया गया। इसके बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी और कहा कि कांग्रेस नेता ‘‘वास्तव में उसी तरह से व्यवहार कर रहे हैं जिसकी उनसे उम्मीद की जाती है’’ तथा वे ‘‘स्थायी तौर पर राजनीतिक हाशिए पर जाने की राह पर हैं।’’
इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श करने वाली गृह मामलों की संसदीय समिति के प्रमुख शर्मा ने कहा कि टीके के उपयोग की मंजूरी के मुद्दे पर बेहद सावधानी बरतना आवश्यक है क्योंकि किसी भी देश ने अनिवार्य चरण तीन परीक्षणों और डेटा सत्यापन के साथ समझौता नहीं किया है। भारत के औषधि नियामक डीसीजीआई ने रविवार को सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को रविवार को मंजूरी दे दी, जिससे व्यापक टीकाकरण अभियान का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
शर्मा ने ‘कोवैक्सीन’ का उल्लेख करते हुए कहा कि विशेषज्ञ समिति के समक्ष दी गई प्रस्तुति के अनुसार, चरण तीन के परीक्षण पूरे नहीं हुए हैं और इसलिए, सुरक्षा तथा प्रभाव के आंकड़ों की समीक्षा नहीं की गई है, जो एक अनिवार्य आवश्यकता है। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘स्वास्थ्य मंत्रालय को इस मामले में अनिवार्य प्रोटोकॉल और जरूरतों के साथ समझौता करने के कारण बताने चाहिए, क्योंकि इसमें कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले स्वास्थ्य और सुरक्षाकर्मी जुड़े हैं जिन्हें सीमित श्रेणी के तहत टीका लगाया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में तीसरे चरण के परीक्षणों के दौर से गुजर रहे भारत बायोटेक के टीके को आपात स्थिति में सीमित उपयोग की अनुमति से वास्तविक चिंताएं उत्पन्न होती हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मानक प्रोटोकॉल और सुरक्षा एवं प्रभावशीलता पर डेटा के प्रकाशन की अनिवार्य आवश्यकता, जिसकी समीक्षा की जाती है और सत्यापन किया जाता है, पूरी प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण है।’’
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि मंजूरी अपरिपक्व है और कोवैक्सीन के इस्तेमाल से बचना चाहिए क्योंकि यह खतरनाक हो सकता है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कोवैक्सीन का अभी तक चरण 3 परीक्षण पूरा नहीं हुआ है। मंजूरी समय से पहले है और खतरनाक हो सकती है। डॉ.हर्षवर्धन कृपया स्पष्ट करें। इसका परीक्षण पूरा होने तक इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए। भारत इस बीच एस्ट्राजेनेका टीके से शुरुआत कर सकता है।’’