लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा को नए उपाध्यक्ष मिल गए हैं। भारतीय जनता पार्टी समर्थित समाजवादी पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए। अग्रवाल ने सपा उम्मीदवार नरेंद्र वर्मा को हराया है। विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने बताया कि कुल 368 सदस्यों ने मतदान किया, जिसमें से 364 मत वैध पाये गये। इसमें से नितिन अग्रवाल को 304 तथा नरेंद्र वर्मा को 60 मत मिले।
विधानसभा में उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान लगभग 11.45 बजे शुरू हुआ था, जो दोपहर तीन बजे तक चला और करीब चार बजे परिणाम घोषित किया गया। हालांकि, विपक्षी दल बसपा और कांग्रेस के विधायकों ने चुनाव का बहिष्कार किया। दरअसल, परंपराओं के अनुसार प्रमुख विपक्षी दल के एक विधायक को विधानसभा का उपाध्यक्ष बनाया जाता है।
ऐसे में मतदान शुरू होने से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने संसदीय परंपरा को तोड़ने का आरोप लगाते हुये सदन से बहिर्गमन कर दिया। विधानसभा में बसपा के 16 विधायक हैं। कांग्रेस ने भी चुनाव प्रक्रिया का बहिष्कार किया, उसके पास सात विधायक हैं।
वर्तमान में, 403 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा के 304 विधायक हैं और समाजवादी पार्टी के पास 49 विधायक हैं। भाजपा की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 9 विधायक हैं। यह चुनाव 2022 के विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले हुआ।
विधानसभा के उपाध्यक्ष चुने गए नितिन अग्रवाल राज्य के पूर्व मंत्री नरेश अग्रवाल के बेटे हैं, जिन्होंने हाल ही में समाजवादी पार्टी से भाजपा का दामन थामा है। वह पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार में मंत्री थे। वह तीसरे कार्यकाल के विधायक हैं।
राज्य विधानसभा के अंतिम उपाध्यक्ष भाजपा के राजेश अग्रवाल थे, जो 2004 में निर्विरोध चुने गए थे।