नई दिल्ली: दक्षिण हिंद महासागर में अपनी नाव में 3 दिन तक घायल फंसे रहे भारतीय नौसेना के कमांडर अभिलाष टॉमी ने अपने बचने की वजह का खुलासा किया है। अभिलाष ने कहा कि उनके अंदर के सैनिक और नेवी की ट्रेनिंग ने उन्हें विपरीत परिस्थितियों से लड़ने की हिम्मत दी। साथ ही उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए भारतीय नौसेना को भी धन्यवाद दिया है। टॉमी ने उस घटना के बारे में बताते हुए कहा कि उस दिन समुद्र बहुत ही उफान पर था। उन्होंने कहा कि उनकी जान बचाने में नाव चलाने की स्किल का भी बड़ा योगदान रहा।
नौसेना के हवाले से अभिलाष टॉमी ने बुधवार को कहा कि समुद्र की लहरों ने अविश्वसनीय रूप से अचानक ही विकराल रूप धारण कर लिया था। अभिलाष ने कहा कि मैं और मेरी नाव थुरिया प्रकृति की ताकत के खिलाफ लड़ रहे थे। उन्होंने कहा, ‘मैं नाव चलाने के अपने कौशल की वजह से जिंदा था। मेरे अंदर के सैनिक और नौसेना में दी गई ट्रेनिंग ने मुझे कठिन परिस्थितियों से लड़ने के लिए प्रेरित किया। मैं भारतीय नौसेना के प्रति बहुत आभारी हूं, जिन्होंने मेरी जान बचाई।’ फ्रांस के एक पोत ओसिरिस ने कमांडर अभिलाष टॉमी को बचाया था और अब वह अस्पताल में हैं जहां उनकी हालत ठीक बताई जा रही है।
आपको बता दें कि कमांडर अभिलाष की नाव पिछले शुक्रवार को दक्षिण हिंद महासागर में तूफान में फंसकर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी। इस दौरान समुद्र में 14 मीटर ऊंची लहरें उठीं। इस रेस को पूरा करने के दौरान नौकाओं के दुर्घटनाग्रस्त होने से टॉमी (39) और आयरिश व्यक्ति ग्रेगर मैकगुकिन (32) घायल हो गए थे। उनकी नौका का मस्तूल टूट गया और खुद टॉमी भी घायल हो गए थे। गोल्डन ग्लोब रेस एक जुलाई से शुरू हुई थी और 84 दिनों में टॉमी 10,500 समुद्री मील की यात्रा कर तीसरे स्थान पर बने हुए थे।