सहारा ग्रुप ने बुधवार को पुणे के पास एंबी वैली की नीलामी रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई। ग़ौरतलब है कि मार्केट रेगुलेटर सेबी की बकाया रकम न चुकाने की वजह से एंबी वैली की नीलामी हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप से लगभग 20,000 करोड़ रुपये चुकाने के लिए कहा था। यह रकम उन इनवेस्टर्स को दी जानी है जिन्होंने सेबी की ओर से अवैध घोषित की गई सहारा ग्रुप की दो स्कीमों में पूंजीनिवेष किया था। सेबी का दावा है कि यह रकम अब प्रिंसिपल और इंटरेस्ट को मिलाकर करीब 37,000 करोड़ रुपये हो गई है। सहारा ने अभी तक प्रिंसिपल अमाउंट के एक बड़े हिस्से का भुगतान नहीं किया है। कंपनी को अभी प्रिंसिपल अमाउंट के हिस्से के तौर पर 9,000 करोड़ रुपये और चुकाने हैं।
जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने सहारा ग्रुप पर दबाव बनाना जारी रखा है। बेंच ने कहा कि इंटरेस्ट की रकम चुकाने को लेकर सहारा ग्रुप की आपत्ति पर बेंच के सुनवाई करने से पहले ये भुगतान किया जाए। 25 जुलाई को हुई पिछली सुनवाई में सहारा ग्रुप ने रकम चुकाने के लिए और समय मांगा था। सहारा की ओर से कोर्ट में दिए गए प्रस्ताव में बाकी की रकम देने के लिए 18 महीने का समय मांगा गया था लेकिन बेंच इसके लिए अधिक समय नहीं देना चाहती। बेंच ने कंपनी को प्रत्येक तीन महीने में 1,500 करोड़ रुपये की किस्त चुकाने के लिए कहा है। ऐसा न करने पर सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत रॉय को दोबारा जेल भेजा जा सकता है।
रॉय को दो वर्ष तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहने के बाद पिछले वर्ष मई में परोल पर रिहा किया गया था। इसके बाद से उनकी परोल कई बार कुछ महीनों के लिए बढ़ाई जा चुकी है।
कोर्ट ने इसके साथ ही बॉम्बे हाई कोर्ट के रिसीवर को एंबी वैली की नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा है। सहारा ग्रुप ने एंबी वैली की कीमत 39,000 करोड़ रुपये से अधिक लगाई है। बेंच ने पहले ही एंबी वैली की बिक्री से जुड़े नियम और शर्तों को मंजूरी दे दी है।