ठाणे: कॉल सेंटर के जरिये अमेरिकी अधिकारी बनकर अमेरिकियों से 30 करोड़ डॉलर की धोखाधड़ी के मामले के कथित साजिशकर्ता सागर ठक्कर उर्फ ‘शैगी’ को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के अनुसार, शुक्रवार रात दुबई से सागर जब मुंबई हवाई अड्डा पहुंचा, तो उसे गिरफ्तार किया गया। पिछले साल यह मामला उजागर होने के बाद से ही वह फरार था। शुक्रवार रात उसे ठाणे पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया जिसके बाद कोर्ट ने उसे 13 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। इस मामले की अहम कड़ी गुजरात के रशेस चौकसी को तीन दिन पहले ही ठाणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सूत्रों के मुताबिक चौकसी सागर ठक्कर के सीधे संपर्क में था। पुलिस के मुताबिक कॉल सेंटर में इस्तेमाल होने वाले डायरेक्ट इनवर्ड डायलिंग और वाइस इंटरनेट प्रोटोकाल डायलिंग सिस्टम से जुड़े उपकरणों को रशेस चौकसी ने ही सप्लाई किया था।
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अक्टूबर में ठाणे पुलिस की छापेमारी के बाद सागर दुबई भाग गया था। कुछ दिन दुबई में रहने के बाद वह थाईलैंड गया था और फिर दुबई आ गया था। अमेरिका की एजेंसी उसके पीछे लगी थी। उसके खिलाफ अमेरिका ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था जिसके बाद दुबई में उसे गिरफ्तार किया गया था। लेकिन कोर्ट में अमेरिकन रेड कॉर्नर नोटिस टिका नहीं, लिहाज़ा उसे छोड़ दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने उसे पक़़डने के लिए सात अक्टूबर को लुक आउट सर्कुलर जारी किया था और वह रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की तैयारी में थी। लेकिन, उससे दो दिन पहले ही वह देश से बाहर भाग गया था। सागर संरक्षण देने वाले मुंबई के कारोबारी जगदीश कनानी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
यह है मामला
सागर और उसके साथी फर्जी कॉल सेंटर के जरिए भारतीय टेली-कॉलरों की मदद से अमेरिकी लोगों से पैसे ठगते थे। ठाणे के आधा दर्जन कॉल सेंटरों से वषर्ष 2013 से ही यह रैकेट चल रहा था। इस रैकेट से जु़ड़े लोग ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा भी फोन करते थे और खुद को वहां के रेवेन्यू सर्विसेस का अधिकारी बताकर लोगों से वसूली करते थे।