नई दिल्ली. 'कोरोना पॉजिटिव हूं। जो भी करीब आने की जुर्रत करेगा, उसके ऊपर अपना हाथ काटकर खून छिड़क दूंगा।' एक सिरफिरे शख्स के इन चंद अल्फाजों ने सफदरजंग अस्पताल परिसर में रविवार को घंटों कोहराम मचाये रखा। तमाशा करीब ढाई घंटे चला। सिरफिरा अस्पताल में एक वार्ड की तीसरी मंजिल की बालकनी में जा चढ़ा था।
करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद इस तमाशेबाज शख्स को, दिल्ली दमकल सेवा के कर्मचारियों के भागीरथ प्रयासों से उतार पुलिस के हवाले किया जा सका। रविवार को IANS को यह जानकारी दिल्ली दमकल सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने दी।
उन्होंने आगे कहा, "दोपहर बाद करीब पौने तीन बजे फायर कंट्रोल रुम को सूचना मिली थी।। सूचना के मुताबिक, कोई शख्स सफदरजंग अस्पताल के वार्ड नंबर 29 की तीसरी मंजिल की छत की बालकनी में चढ़ गया है।"
अतुल गर्ग के मुताबिक, "बताया यह भी गया कि, बालकनी पर चढ़ा शख्स खुद को कोरोना पॉजिटिव बता रहा है। साथ ही कह रहा है कि कोई भी उसके करीब पहुंचने की कोशिश न करे। जो पास आने की जुर्रत करेगा उसके ऊपर हाथ काटकर अपना खून छिड़क देगा। सूचना पाते ही जब ऊंची सीढ़ियों के साथ हमारी टीमें मौके पर पहुंची तब भी वो अनजान शख्स उसी तरह की हरकतें कर रहा था।"
करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद जैसे-तैसे उस सिरफिरे को सकुशल दिल्ली दमकल सेवाकर्मी नीचे उतार सके। मौके पर पहुंची पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि, पकड़ा गया शख्स करीब 44 साल का है। वो मूलत: पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि आखिर कोई सिरफिर इंसान सफदरजंग अस्पताल में तीसरी मंजिल की बालकनी तक आखिर पहुंच ही कैसे गया? जबकि अस्पताल के चप्पे-चप्पे पर निजी सुरक्षा कंपनी के ठेकेदार द्वारा उपलब्ध कराये गये सुरक्षा कर्मी 24 घंटे तैनात रहते हैं।
पुलिस के मुताबिक, "शख्स कभी-कभी बातों से कमजोर दिमाग वाला लगता है। कभी-कभी ठीक लग रहा है। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस छानबीन इस बात की भी कर रही है कि, अगर यह शख्स मानसिक रुप से कमजोर है तो फिर उसे कोरोना के खतरे के बारे में कैसे पता है।।साथ ही उसे यह कैसे पता है कि, वो अगर अपना खून किसी के ऊपर छिड़क देगा तो कोई भी शख्स उसके खून की बूंदों से कोरोना संक्रमित हो सकता है।"