जयपुर: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को भाजपा को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार जब किसान आंदोलन को दबाने में सफल नहीं हो सकी तो अब भाजपा किसानों को कुचल रही है। उन्होंने कहा भाजपा के नेता हिंसा को बढ़ावा देने की बातें कर रहे हैं। पायलट ने टोंक जिले के अरनियामाल गांव में केन्द्र की विगत कांग्रेस सरकार तथा वर्तमान भाजपा सरकार के शासनकाल के कार्यों की तुलना करते हुए कहा कि कांग्रेस ने 10 साल में 18 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से उपर लाने का काम किया जबकि भाजपा के राज में उद्योग-धन्धे बन्द हो गए है, बेरोजगारी बेतहाशा बढ़ गई है, किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो गये हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार मनरेगा योजना लेकर आयी, खाद्य सुरक्षा कानून, सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार कानून लागू किया, जिससे गरीब, पिछड़ों, दलितों, किसानों, महिलाओं एवं नौजवानों को सम्बल मिला। ठीक इसके विपरीत भाजपा सरकार किसान विरोधी तीन काले कानून लेकर आयी है। उन्होंने कहा, “चन्द लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से भाजपा सरकार जो कानून लेकर आयी है, उससे किसान बर्बाद हो जायेंगे। इन काले कानूनों के विरोध में हमारे किसान भाई साल भर से आंदोलन कर हैं। भाजपा सरकार जब किसान आंदोलन को दबाने में सफल नहीं हो सकी तो अब भाजपा किसानों को कुचल रही है। भाजपा के नेता हिंसा को बढ़ावा देने की बातें कर रहे हैं।”
पायलट ने यहां एक स्वास्थ्य शिविर में नि:शुल्क रक्तचाप जांच भी करवाई। इसकी फोटो ट्विटर पर साझा करते हुए पायलट ने लिखा, “मेरे निर्वाचन क्षेत्र में एक सरकारी शिविर में नि:शुल्क जांच करवाई। खुशी है कि 'रक्तचाप' की जांच सामान्य आई!!” उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासन गांवों/शहरों के संग अभियान’’ के माध्यम से लोगों के रोजमर्रा के कामों को एक ही स्थान पर पूरा किया जा रहा है। उनकी समस्याओं का तत्काल निदान हो रहा है। शिविर में सभी अधिकारी मौजूद रहते हैं। इन शिविरों का हमें ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहिए।
कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में पायलट ने कोयले की कमी के कारण पैदा हुए बिजली संकट के बाद राज्य में चल रही बिजली कटौती पर कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि कोई बहुत भारी संकट नहीं आएगा और बिजली की कटौती और ज्यादा नहीं होगी। पायलट ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि बिजली के संकट में केन्द्र सरकार भी पूरा सहयोग नहीं कर पा रही है।
उन्होंने कहा, “चाहे राजस्थान सरकार हो, दिल्ली सरकार या अन्य राज्य, वो कई दिनों से कह रहे है कि ऐसा न हो कि बहुत बड़ा संकट पैदा हो जाये। इसलिये समय रहते हुए हम लोगों ने केन्द्र सरकार को सचेत किया था और वहां से कितना कोल (कोयला) मिल पायेगा या नहीं मिल पायेगा यह उन पर निर्भर करता है। लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि कोई बहुत भारी संकट नहीं आयेगा और बिजली की कटौती और ज्यादा नहीं होगी।”