नई दिल्ली: कोटा अस्पताल में बीते दिसंबर महीने में सौ से अधिक बच्चों की मौत पर राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलेट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिए गए बयान पर कहा कि इस पर हमारी प्रतिक्रिया और संवेदनशील हो सकती थी। 13 महीने तक सत्ता में रहने के बाद मुझे लगता है कि यह पिछले सरकार के कुकर्मों को दोष देने का कोई उद्देश्य नहीं है। जवाबदेही तय होनी चाहिए।
कोट में हो रही बच्चों की मौत पर इससे पहले राजस्थान के मख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार ने काम गिनाते हुए कहा था कि ‘‘राजस्थान में बच्चों के आईसीयू की स्थापना सबसे पहले हमारी सरकार ने 2003 में की थी। कोटा में बच्चों के आईसीयू की स्थापना हमने 2011 में की थी।’’ गहलोत के अनुसार ‘‘निरोगी राजस्थान' हमारी प्राथमिकता है तथा स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार के लिए भारत सरकार के विशेषज्ञ दल का भी स्वागत है।’’
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस मामले में शुक्रवार को कहा था कि पिछले साल 900 से अधिक मौत होने के बाद भी राजस्थान सरकार नहीं चेती। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि यह मामला स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़ा हुआ है और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग इसकी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की टिपण्णी से वह आहत हैं।
ईरानी ने कहा था, ‘‘वर्तमान में राजस्थान के मुख्यमंत्री की ओर से जिस तरह के वाक्य मैं सुन रही हूं, उससे एक मां और भारतीय होने के कारण दुखी हूं। राजस्थान सरकार ने इतनी मौतों के बावजूद कोई कार्रवाई इसलिए नहीं की क्योंकि मरने वाले बच्चे गरीब थे।" राज्य के अधिकारियों द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार जे के लोन सरकारी अस्पताल में वर्ष 2019 में 963 बच्चों की मौत हुई थी, जबकि इसके पिछले वर्ष में यह आंकड़ा 1000 से ऊपर पहुंच गया था।