नई दिल्ली. राजस्थान में सियासी संकट जारी है। सचिन पायलट के नेतृत्व में कई विधायक कांग्रेस के आला नेतृत्व जयपुर से बाहर हैं। इस बीच सूत्रों से मिली खबर के अनुसार, सचिन पायलट भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं। कहा जा रहा है दो दर्जन से ज्यादा विधायक उनके संपर्क में हैं।
हालांकि औपचारिक तौर फर भाजपा के किसी बड़े नेता उनसे मुलाकात नहीं हुई है। दरअसल, जबतक कांग्रेस के साथ चिन पायलट का रिश्ता स्पष्ट नहीं हो जाता, तबतक भाजपा औपचारिक तौर पर उनसे कोई बातचीत नहीं करेगी। अगर कांग्रेस से अलग होने के बारे में सचिन पायलट तय कर लेंगे, तभी भाजपा से बातचीत होगी। अभी भाजपा वेट एंड वॉच की भूमिका में है।
इससे पहले रविवार शाम को तीन कांग्रेस विधायक राजधानी दिल्ली से जयपुर लौट आए हैं। इन विधायकों की रविवार शाम मीडिया के सामने परेड करवाई गई। विधायक रोहित बोहरा ने कहा कि हम व्यक्तिगत कारणों से दिल्ली गए थे। मीडिया क्या कहती है, इससे हमें फर्क नहीं पड़ता, ये हमारी समस्या नहीं है। हम किसी भी विवाद का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। हम कांग्रेस के सिपाही हैं और आखिरी सांस तक अपनी पार्टी के साथ रहेंगे।
एक अन्य विधायक दानिश अबरार ने कहा कि सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के विधायक हैं और मैं राज्य ईकाई का सचिव हूं। इसलिए मेरी सचिन जी ये मुलाकात एकदम रूटिन एक्सरसाइज है। मुझे चेतन और रोहित को भाजपा ने अप्रोच नहीं किया है। बता दें कि सूत्रों ने दावा किया है कि सचिव पायलट के साथ करीब 30 कांग्रेस विधायक और कुछ निर्दलीय विधायक है।
आपको बता दें कि राजस्थान में गुटबाजी के संकट को टालने के लिये कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला को केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर जयपुर भेजा है। सूत्रों ने कहा कि दोनों नेता पार्टी महासचिव और राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे के साथ रविवार देर शाम तक जयपुर पहुंच जाएंगे और पार्टी विधायकों के साथ चर्चा करेंगे।पार्टी के अंदर ही बगावत का सामना कर रही कांग्रेस राजस्थान में अपनी सरकार बचाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त की कोशिश की जांच कर रही राज्य पुलिस द्वारा नोटिस भेजे जाने से पायलट नाराज बताये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भाजपा पर उनकी सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया लेकिन भाजपा ने आरोपों से इनकार किया है।