नई दिल्ली: सबरीमाला संरक्षण समिति ने आज 12 घंटे राज्यव्यापी हड़ताल का मिला जुला असर देखने को मिल रहा है। बंद के कारण बसें और ऑटोरिक्शा सड़कों से नदारद रहे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पत्तनमतिट्टा जिले में स्थित सबरीमला पहाड़ी पर जाने के तीनों मुख्य रास्तों पम्बा, निलक्कल और एरूमेली सहित विभिन्न जगहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के कुछ हिस्सों से केरल राज्य परिवहन निगम की बसों पर पथराव की सूचना है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में निजी वाहन चल रहे हैं। बीजेपी, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और अन्य स्थानीय संगठनों ने इस हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। यह हड़ताल श्रद्धालुओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के विरोध में बुलाई गई है। वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि वह इस हड़ताल में शामिल तो नहीं होगी लेकिन पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेगी। प्रदेश के निल्लकल, पंपा, एल्वाकुलम, सन्निधनम में धारा-144 लागू कर दी गई है। इस इलाके में एकसाथ चार से ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकते हैं।
सबरीमाला में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बुधवार को पहली बार भगवान अय्यप्पा मंदिर के दरवाजे तो खुले लेकिन ‘प्रतिबंधित’ उम्र समूह वाली कोई भी महिला दर्शन करने में सक्षम नहीं हो पाई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करने के केरल सरकार के फैसले के बाद कार्यकर्ताओं में गुस्सा बढ़ गया है और पहाड़ी क्षेत्र में स्थित इस मंदिर के आस-पास तनाव का माहौल बना हुआ है। निलक्कल में माहौल बेहद तनावपूर्ण है। यहां राष्ट्रीय टीवी चैनल की महिला पत्रकारों को प्रदर्शनकारियों ने जबरन वाहन से बाहर निकालकर उनके वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया।
Updates
-सबरीमाला मंदिर पर फैसले के रिव्यू के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ऑल-केरल ब्राह्मण एसोसिएशन, कहा- भक्तों के साथ घोर अन्याय हुआ है
-सबरीमाल मंदिर के मुख्य पुजारी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट सिर्फ कानून देखता है, परंपराओं को नहीं
-सबरीमाला मंदिर जा रहीं न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्टर सुहासिनी राज को प्रदर्शनकारियों के विरोध के चलते आधे रास्ते से वापस जाना पड़ा
-कोच्चिः केरल राज्य सड़क परिवहन निगम की बस सेवाएं आज बंद रहेंगी। सबरीमाला संरक्षण समिति ने 12 घंटे की बंद बुलाई है
-सबरीमाल मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए भक्त पवित्र पाथिनेट्टम पडी पर चढ़ते दिखे
-न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्टर सुहासिनी ने पुलिस की सलाह के बाद एक बार फिर संनिधानम तक जाने का फैसला किया,पुलिस सुरक्षा के बीच अपने विदेशी सहयोगी के साथ पम्बा बेस कैम्प से पहाड़ी चढ़ना शुरू करेगी।
-नीलईकल में कल हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया
-राज्य भर में बंद का भी मिला जुला असर देखने को मिल रहा है, तिरुवंतपुरम, मल्लपुरम और कोझीकोड में सरकारी बस को नुकसान पहुंचाया गया
पारंपरिक तौर पर 10-50 साल की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश को वर्जित रखने के पैरोकार कार्यकर्ता राहुल ईश्वर को पम्बा में गिरफ्तार किया गया। यहीं से मंदिर जाने का रास्ता शुरू होता है। उन्होंने निलक्कल से पम्बा जाने वाली महिला पत्रकारों को रोकने के लिए उनके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। वरिष्ठ मंत्री ई पी जयराजन ने बताया कि कम से कम 10 मीडियाकर्मी घायल हुए हैं और उनके उपकरणों को नुकसान पहुंचाया गया है। मीडिया पर हुए हमले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि संबंधित धाराओं के तहत संदिग्धों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
आंध्र प्रदेश की पूर्वी गोदावरी जिला निवासी माधवी शीर्ष अदालत के फैसले के बाद सबरीमला पहाड़ी पर चढ़ने वाली पहली रजस्वला आयु वर्ग की महिला है। पम्बा और आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के बावजूद माधवी को बिना दर्शन किए लौटना पड़ा। सबरीमला की ओर जाने वाले मार्ग पम्बा, निलक्कल और इरूमेली में सैकड़ों पुलिसकर्मी तैनात हैं। वहीं कांग्रेस और बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में हो रहे इस प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है।
अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के लिए मंदिर परिसर में मौजूद राज्य देवोस्वोम बोर्ड मंत्री कडकम्पल्ली सुरेन्द्रन ने कहा कि सरकार किसी को कानून अपने हाथ में लेने और श्रद्धालुओं को सबरीमला आने से रोकने नहीं देगी। उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी-आरएसएस केरल में तनाव पैदा करना और शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ना चाहती है। हम आरएसएस और बीजेपी के एजेंडे को अच्छी तरह जानते हैं। हम श्रद्धालुओं के साथ किसी भी तरह का आमना-सामना नहीं चाहते हैं।''
वहीं सबरीमला मुद्दे पर विरोध के बीच भगवान अयप्पा मंदिर में दर्शन करने जाने की घोषणा करने वाली केरल की एक महिला ने शिकायत की कि उसे सोशल मीडिया पर धमकियां दी जा रही हैं और अपशब्द कहे जा रहे हैं। कन्नूर जिला निवासी 32 वर्षीय महिला रेश्मा निशांत ने हाल में फेसबुक पर पोस्ट करके बताया कि वह मंदिर जाएगी। रेश्मा ने स्वयं को भगवान अयप्पा का एक निष्ठावान भक्त बताया और कहा कि उसने 17 नवम्बर को शुरू होने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा के वास्ते मंदिर तक चढ़ाई के वास्ते 41 दिवसीय व्रत शुरू कर दिया है।