निलाक्कल: भगवान अयप्पा मंदिर के सोमवार शाम को मासिक पूजा के लिए खुलने के मद्देनजर सबरीमाला में और उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई है। मंदिर में माहवारी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को मंजूरी देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सबरीमाला में पिछले महीने प्रदर्शन हुए थे। रविवार सुबह से ही एरुमेली पहुंच चुके श्रद्धालुओं ने पंबा और सन्निधानम ना जाने देने के खिलाफ सोमवार सुबह प्रदर्शन किया। उन्होंने ‘अयप्पा शरणम’ के नारे लगाते हुए ट्रैफिक जाम कर दिया।
Sabarimala Temple reopening Updates:
06:02 PM: हमने सभी भक्तों के 'दर्शन' को सुविधाजनक बनाने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की है। हमारे पास इस क्षेत्र में विभिन्न खतरे हैं, विभिन्न खतरों की धारणाओं को ध्यान में रखते हुए, हमने सभी के लिए सुरक्षा व्यवस्था प्रदान की है: आईजी अजीत कुमार, सबरीमाला के सुरक्षा प्रभारी
05:19 PM:
05:10 PM:
05:00 PM: केरल पुलिस ने सोमवार को सबरीमाला मंदिर के समीप जैमर लगाया है, ताकि तांत्रि और तीर्थस्थल के अन्य अधिकारी मीडिया से बात न कर सकें और लाइव दृश्यों को प्रसारित न किया जा सके। राज्य पुलिस ने सोमवार को शाम पांच बजे से शुरू होने वाले विशेष एक दिवसीय तीर्थाटन से पहले मंदिर की सुरक्षा के लिए करीब 2300 पुलिस कर्मियों को तैनात किया है। यह तीर्थाटन मंगलवार रात 10 बजे समाप्त होगा।
01:12 PM: मंदिर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। पूरा परिसर किले में तब्दील नजर आ रहा है। इससे पहले रविवार शाम तक इरुमेली पहुंचे श्रद्धालुओं को सुबह पंबा और सन्निधानम नहीं जाने दिया गया।
09:48 AM: सबरीमाला मंदिर के लिए निलक्कल बेस कैंप से भक्तों का जाना शुरू हो गया है। मंदिर आज शाम को खुलेगा और विशेष पूजा के बाद कल शाम को फिर से बंद हो जाएगा।
09:45 AM: निलक्कल बेस कैंप में पुलिस इंचार्ज मंजूनाथ एच का कहना है कि यहां पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की गई है। उन्होंने कहा कि हम भक्तों को आगे बढ़ने से नहीं रोक रहे है।
09:37 AM: मंदिर के कपाट खुलने के दौरान किसी भी तरह की परिस्थिति से निपटने के लिए महिला और पुरुष दोनों पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
09:10 AM: सबरीमाला मंदिर के कपाट सोमवार को विशेष पूजा के लिए खुलने वाले हैं। इस विशेष पूजा में शामिल होने के लिए निलक्कल बेस कैंप पर भगवान अयप्पा के भक्तों का जमावड़ा शुरू हो गया है।
श्रद्धालुओं में गुस्सा
एक गुस्साए श्रद्धालु ने कहा, ‘हम बीते शाम से इंतजार कर रहे हैं। हमें बताया गया कि सुबह 6 बजे जाने दिया जाएगा। अब वे बोल रहे हैं कि KSRTC की बसें दोपहर 12 बजे तक ही जाएंगी। हम भगवान अयप्पा की पूजा करने आए हैं। कृपया हमें जाने दें।’ श्रद्धालु ने कहा कि अगर निजी वाहनों को जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है तो उन्हें केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) की बसों से पंबा ले जाया जाए। मीडियाकर्मियों को भी सोमवार सुबह 9 बजे तक यहां आधार शिविर से पंबा और ‘सन्निधानम’ (मंदिर परिसर) तक जाने नहीं दिया गया।
'मीडियाकर्मियों पर पाबंदी नहीं'
पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा ने कहा कि मीडियाकर्मियों पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। उन्होंने कहा, ‘मीडिया की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हम उन्हें अभी अनुमति नहीं दे रहे हैं। जैसे ही सुरक्षा के बंदोबस्त पूरे हो जाएंगे मीडिया को सबरीमाला तथा आस-पास के स्थानों में जाने दिया जाएगा।’ पचास वर्ष से अधिक की आयु वाली कम से कम 15 महिला पुलिसकर्मियों को ‘सन्निधानम’ में तैनात किया गया है। पंबा, निलाक्कल, ईलावुंगल और सन्निधानम में शनिवार आधी रात से 72 घंटों के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेद्याज्ञा लागू है इसमें चार या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है।
शाम 5 बजे पूजा के लिए खुलेगा मंदिर
20 सदस्यीय कमांडो टीम और 100 महिलाओं समेत 2,300 कर्मियों को सुचारू ‘दर्शन’ तथा श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया है। यह दूसरी बार है जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंदिर को ‘दर्शन’ के लिए खोला जाएगा। मंगलवार को त्रावणकोर के आखिरी राजा चिथिरा थिरुनल बलराम वर्मा के जन्मदिवस के अवसर पर सोमवार शाम को 5 बजे पूजा के लिए मंदिर खोला जाएगा। मंदिर मंगलवार को रात 10 बजे बंद किया जाएगा लेकिन वह 17 नवंबर से 3 महीने लंबी वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए दर्शन को फिर से खोला जाएगा।
भारी सुरक्षा से दुखी है शाही परिवार
देवस्वओम मंत्री कडाकम्पल्ली सुरेंद्रन ने कहा कि राज्य सरकार श्रद्धालुओं की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रतिबंधित आयु वर्ग की किसी महिला ने मंदिर में दर्शन के लिए पुलिस से सुरक्षा नहीं मांगी है। अयप्पा मंदिर से निकटता से जुड़े पन्दलम शाही परिवार ने कहा कि वह सबरीमाला में तथा उसके आसपास भारी सुरक्षा से ‘दुखी’ है। परिवार ने कहा, ‘इस बात का दुख है कि श्रद्धालुओं को भारी सुरक्षा कवच के बीच मंदिर में पूजा करनी होगी।’ पिछले महीने की हिंसा के संबंध में अभी तक 3,731 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 545 मामले दर्ज किए गए।